भारत में आईटीएक्ट 2000 के अंर्तगत प्रमुख अपराध, धाराएँ एवं दण्ड का विस्तार से वर्णन (Detailed description of major crimes, sections and punishments under IT Act 2000 in India.) - IT/ITes-NSQF & GK

भारत में आईटीएक्ट 2000 के अंर्तगत प्रमुख अपराध, धाराएँ एवं दण्ड का विस्तार से वर्णन (Detailed description of major crimes, sections and punishments under IT Act 2000 in India.)

भारत में आईटीएक्ट 2000 के अंर्तगत प्रमुख अपराध, धाराएँ एवं दण्ड का विस्तार से वर्णन:-

            भारत में आईटीएक्ट 2000 भारत सरकार द्वारा अंतिम संशोधन वर्ष 2008 में किया गया एक कानून है जो कंप्यूटर अभिघात या कंप्यूटर से संबंधित अपराधों को प्रवर्तित करने के लिए बनाया गया है । इस कानून के अंतर्गत कंप्यूटर जाल संबंधित अपराध, संगठित जाली कार्रवाइयां, वेब साइट का उपयोग अवैध उद्देश्यों के लिए, वायरस, कम्प्यूटर में गुप्त तस्वीरें, आईटी जाल संबंधित धोखाधड़ी आदि शामिल हैं । इस कानून के अंतर्गत, आईटी अपराधों को दण्डित किया जाता है। धारा 43 ए के तहत, कोई भी व्यक्ति किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में गणनांकों, पासवर्ड, आईडी या अन्य जानकारी को अवैध रूप से प्राप्त करने का प्रयास करता है तो वह दो साल की सजा के साथ दंडित किया जाएगा । धारा 66 ए तहत, किसी व्यक्ति द्वारा किए गए अवैध कंप्यूटर उपयोग से जुटे आईटी अपराधों के लिए दण्ड का प्रावधान किया गया है ।भारत में आईटीएक्ट 2000 एक ऐसा कानून है जो संचार के क्षेत्र में अपराधों के विरुद्ध संरक्षण प्रदान करता है। इस कानून के तहत, निम्नलिखित प्रमुख अपराध शामिल हैं:-


1) अपर्याप्त सुरक्षा का पालन न करने से संचार जालों के माध्यम से गैर अधिकृत रूप से जासूसी करना ।

2) संचार जालों के माध्यम से अनधिकृत रूप से जानकारी प्राप्त करना ।

3) कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से अवैध रूप से प्रवेश करना या प्रवेश का प्रयास करना ।

4) कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से अनधिकृत रूप से डेटा, सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर को उपलब्ध करवाना या बदलना ।

5) किसी अन्य व्यक्ति के कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क को अवैध रूप से इस्तेमाल करना।

भारत में आईटीएक्ट 2000 के अंर्तगत प्रमुख धाराएँ एवं दण्ड:-

         भारत में आईटीएक्ट 2000 भारतीय संगणक अधिनियम, 2000 है, जो भारत के संगणक सम्बन्धित अपराधों को नियंत्रित करता है । इस अधिनियम के तहत कुछ महत्वपूर्ण धाराएँ हैं जो निम्नलिखित हैं:-

1) धारा 43:- इस धारा के तहत, बिना अनुमति के किसी निजी जाँच अधिकारी द्वारा किये गए अवैध संगणक अभिक्रियाओं पर दंड लगाया जा सकता है ।

2) धारा 64:- इस में बताया गया है कि पुलिस अपराधी की जानकारी को कंप्यूटर या अन्य सूचना संचार तकनीक के माध्यम से संगणना तैयार कर सकती है। इस धारा के तहत, अपराधी की जानकारी जैसे उसका नाम, पता, उम्र, फोटो आदि जो संगणना में शामिल की जाती है। इस धारा के तहत बनाई गई संगणना की जानकारी को राज्य सरकार को भेजा जाता है ताकि अपराधी की पहचान की जाए और उसकी गिरफ्तारी हो सके।

3) धारा 65:- इस धारा के अंतर्गत, संगणक के द्वारा किए गए अपराधों के लिए सजा लगाई जा सकती है जैसे कि संगणक हैकिंग, संगणक वायरस, ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि ।

4) धारा 66:- इस धारा के अंतर्गत, अनधिकृत पहुंच के लिए संगणक का उपयोग करना अपराध माना जाता है ।

5) धारा 69:- इस धारा के तहत, किसी व्यक्ति द्वारा इन्टरनेट पर छड़ी गई अश्लील, गलत और अवैध सामग्री के लिए सजा लगाई जा सकती है ।

6) धारा 72:- विश्वशनीय और निजता उलंघन का अपराध शामिल है । इसमें 2 वर्ष तक की सजा और एक लाख जुर्माना या दोनो हो सकते हैं ।

7) धारा 74:- इसमें डिजिटल हस्ताक्षरो संबंधी जालसाजी शामिल है । इसमें 2 वर्ष तक की सजा और एक लाख जुर्माना या दोनो हो सकते हैं ।

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