हरियाणा की प्रमुख वन संरक्षण योजनाएँ एवं कार्यक्रम (Major Forest Conservation Schemes and Programs of Haryana) - IT/ITes-NSQF & GK

हरियाणा की प्रमुख वन संरक्षण योजनाएँ एवं कार्यक्रम (Major Forest Conservation Schemes and Programs of Haryana)

हरियाणा की प्रमुख वन संरक्षण योजनाएँ एवं कार्यक्रम:-

               हरियाणा एक उत्तर भारतीय राज्य है जो विभिन्न प्रकार के वन संसाधनों से समृद्ध है । हरियाणा सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण वन संरक्षण योजनाओं का निर्माण किया है जो निम्नलिखित हैं:-

1) हरियाणा वनों के संरक्षण के लिए योजना (Haryana Forest Conservation Scheme):- इस योजना के तहत, वनों को संरक्षित रखने के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे पौधारोपण, वन रोपण और जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए उपलब्ध कुछ वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ।

2) हरियाणा वनों के प्रबंधन के लिए योजना (Haryana Forest Management Scheme):- इस योजना के तहत, वनों के प्रबंधन के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे जंगली जानवरों के संरक्षण, वनों के विकास और विपणन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है ।

3) हरियाणा वन उत्पादन योजना (Haryana Forest Produce Scheme):- इस योजना के तहत, वन उत्पादों के विकास और संवर्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रम जैसे वन उत्पादों की विपणन नीतियों के उन्नयन, उत्पादन और उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है ।


4) हर घर हरियाली योजना:-

           यह योजना राज्य सरकार द्वारा 2015 में की गई । इस योजना के अन्तर्गत स्थानीय शुरू प्रजातियों के विकास पर बल दिया जाता है । इन स्थानीय प्रजातियों के अन्तर्गत पीपल, नींबू, अनार, देसी आम, जामुन, हरड़, बहेड़ा, शहतूत, बेरी, बकैन, जड़ी, रोहेड़ा, बड़, गूंदनी आदि आते हैं ।

5) सामुदायिकी वानिकी योजना:-

            हरियाणा सामुदायिकी वानिकी परियोजना यूरोपीय संघ की सहायता से वर्ष 1998-99 में प्रारम्भ की गई थी तथा यह 2006-07 में पूर्ण हो गई है । इस योजना के अन्तर्गत 27, 380 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया गया । इस परियोजना में 11 जिलों के 338 गाँवों को शामिल किया गया था, जिसमें महिलाओं की भागीदारी प्रमुख रही ।

6) कण्डी योजना:-

                 विश्व बैंक द्वारा सम्पोषित यह योजना अम्बाला तथा यमुनानगर जिलों के उत्तरवर्ती भाग के अन्तर्गत शिवालिक क्षेत्र में पुनः वृक्षारोपण से सम्बन्धित है । यह योजना वन, कृषि, पशुपालन तथा बागवानी विभागों की समेकित योजना है ।

7) अरावली पर्वत श्रृंखला पुनर्वास योजना:-

             यूरोपीय आर्थिक समुदाय द्वारा सम्पोषित यह योजना अनावृत्त अरावली पहाड़ियों पर पुनः वृक्ष लगाने से सम्बन्धित है । यह योजना वर्ष 1990-91 से क्रियान्वित की जा रही है । 

8) वृक्षारोपण:-

           ग्रीनिंग ऑफ हरियाणा कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कराया जा रहा है ।  राज्य में नदियों, नहरों, सड़कों, रेल मार्गों के किनारे और ग्रामों के चारों ओर वृक्षों की पेटियाँ बनाई गई हैं । इनमें गिलोय, खेरटी, कुरण्ड, ककरूदा, कटाई, चौलाई, बथुआ, गोखरू, जल भगरा, इन्द्रायण, उटंगण मुरायली, अश्वगन्धा, शखावली, रीगणी, साटी, सदाबहार, मकोय आदि वृक्ष सम्मिलित हैं ।राज्य के वनों से विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ प्राप्त की जाती हैं, जिनका उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है । हरियाणा में वर्ष 2014 से 15 जुलाई को 'तरू दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है ।

9) राज्य वन नीति, 2006:-

          भारत के कुल क्षेत्रफल का 1.35% हरियाणा का क्षेत्रफल है तथा मात्र 0.2% भाग पर वन हैं । राज्य राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार, प्रदेश के कुल क्षेत्रफल के 20% पर वन क्षेत्र का लक्ष्य निर्धरित किया गया है । वन सम्पदा के सतत विकास के उद्देश्य से हरियाणा सरकार द्वारा वन नीति, 2006 बनाई गई ।

हरियाणा में वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation in Haryana):-

             हरियाणा में प्राकृतिक वनों की कमी परन्तु जलवायु विविधता के कारण ये वन्यजीवों, विशेष रूप से स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों की प्रजाति हेतु प्राकृतिक आवास के रूप में उपयुक्त है । भारत में पाई जाने वाली पक्षियों की लगभग 1,250 प्रजातियाँ हैं, जिनमें से लगभग 500 प्रजातियाँ हरियाणा में पाई जाती हैं । वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में स्थानिक संरक्षण हेतु राज्य में 2 राष्ट्रीय उद्यानों, 8 वन्यजीव अभयारण्य एवं 2 संरक्षण रिजर्व की स्थापना की गई है । पौधों एवं वन्य जीव संरक्षण की दो प्रमुख पद्धतियाँ हैं:-

(1) प्राकृतिक आवासों में संरक्षण:- 

              प्राकृतिक आवासों में संरक्षण के अन्तर्गत जीवमण्डल रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, पक्षी विहार एवं अभयारण्य आदि को शामिल किया जाता है ।

(2) प्राकृतिक आवासों के बाहर संरक्षण:-  

              प्राकृतिक आवासों से बाहर संरक्षण के अन्तर्गत बोटेनिकल गार्डन, चिड़ियाघर, वृक्षोद्यान, जननिक संसाधन केन्द्र, कल्चर कलेक्शन, हैचरी आदि को शामिल किया जाता है ।

हरियाणा के वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries of Haryana):-

1) खोल ही रैतान वन्यजीव अभयारण्य:- 

          यह अभयारण्य शिवालिक की पहाड़ियों में पंचकुला जिले में स्थित है । इसकी स्थापना 10 दिसम्बर, 2004 को की गई । इसका क्षेत्रफल 4,883 हेक्टेयर है । यहाँ पर धब्बेदार हिरण, चीतल, जंगली बिल्ली, भारतीय लोमड़ी, जंगली बन्दर व सियार पाए जाते हैं ।

2) भिण्डावास वन्यजीव अभयारण्य:- 

             यह अभयारण्य हरियाणा के झज्जर जिले में अवस्थित है । इसका क्षेत्रफल 1,074 एकड़ है । यहाँ पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं । यह भूरे हंस, बत्तख, लाल बुलबुल, किंगफिशर आदि के लिए भी प्रसिद्ध हैं । भारत सरकार ने इसे 3 जून, 2009 को पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित किया था ।

3) कलेसर वन्यजीव अभयारण्य:-

           यह हरियाणा का सबसे बड़ा अभयारण्य है । इसकी स्थापना वर्ष 2003 में यमुनानगर जिले में की गई थी । यहाँ साल पेड़ों की बहुलता है । इसका क्षेत्रफल 11.570 एकड़ है। यहाँ चीतल, भौंकने वाले हिरण, साँभर, नीलगाय आदि पाए जाते हैं ।इस अभयारण्य को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है । 

4) खापडवास वन्यजीव अभयारण्य:-

             झज्जर जिले में स्थापित यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है ।अभयारण्य को वर्ष 1991 में अधिसूचित किया गया था तथा यह लगभग 204.36 एकड़ क्षेत्र में विस्तृत है । पर्यावरण एवं प्रदूषण के दृष्टिकोण से यह अभयारण्य संवेदनशील क्षेत्र के अन्तर्गत आता है ।

5) नाहर वन्यजीव अभयारण्य:-

            यह वन्यजीव अभयारण्य रेवाड़ी जिले में अवस्थित है । इसकी स्थापना 30 जनवरी, 1987 को हुई थी । इसका क्षेत्रफल 211.35 हेक्टेयर है। यहाँ सियार, लोमड़ी, काला हिरण आदि पाए जाते हैं । वर्ष 2009 में इस अभयारण्य को पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया था ।

6) बीर शिकारगढ़ वन्यजीव अभयारण्य:- 

             यह अभयारण्य हरियाणा के पंचकुला जिले में अवस्थित है जो वर्ष 1975 में स्थापित किया गया था । इसका क्षेत्रफल 767.30 हेक्टेयर है । यह साँभर, चीतल व नीलगाय आदि का निवास स्थल है ।

7) छिलछिला वन्यजीव अभयारण्य:-

        यह अभयारण्य कुरुक्षेत्र में लगभग 29 हेक्टेयर में विस्तृत है, जो शीतकालीन पक्षियों को आकर्षित करता है । इसमें बत्तख, बगुले, इण्डियन ग्रे हार्नबिल आदि पक्षी पाए जाते हैं। यह राज्य का सबसे छोटा अभयारण्य है ।

8) अबुबशहर वन्यजीव अभयारण्य:-

             यह हरियाणा के सिरसा जिले में अवस्थित हैं । इसका क्षेत्रफल 11530.56 हेक्टेयर है। इस अभयारण्य के जीव बन्दर, लँगूर प्रमुख व छोटी चिड़ियाँ हैं ।

हरियाणा के राष्ट्रीय उद्यान (National Park of Haryana):- 

             हरियाणा में कई राष्ट्रीय उद्यान हैं जो अपनी खूबसूरती और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध हैं । निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान:-

1) कलेसर राष्ट्रीय उद्यान:-

             इसे दिसंबर, 2003 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया । यह यमुनानगर में अवस्थित है । यह राज्य की राजधानी, चण्डीगढ़, से लगभग 15 किमी दूर स्थित हैं । इसका क्षेत्रफल 4682.32 हेक्टेयर है । इसका मुख्य आकर्षण साल वृक्ष, तेन्दुए, पक्षी व लाल जंगली मुर्गी हैं ।

2) सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान:-

         यह राष्ट्रीय उद्यान गुरुग्राम जिले के सुल्तानपुर में अवस्थित है । इसका क्षेत्रफल 142.52 हेक्टेयर है । वर्ष 1989 में राष्ट्रीय उद्यान बनने से पहले यह एक पक्षी विहार था, जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी । इस पक्षी विहार की स्थापना महान् पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सलीम अली के प्रयासों से हुई । अतः इसे सलीम अली पक्षी विहार भी कहा जाता है । वर्ष 1972 में यह उद्यान जलीय पक्षी हेतु आरक्षित किया गया । यहाँ शीत ऋतु में प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनमें साइबेरियन सारस प्रमुख है । यह राज्य का प्रमुख इको पार्क भी है ।

3) हाथी अनुसन्धान केन्द्र एवं हिरण उद्यान:-

          यमुनानगर जिले के बनसन्तौर जंगल में हाथी पुनर्स्थापना एवं अनुसन्धान केन्द्र की स्थापना की गई है । इसका क्षेत्रफल 4.8 एकड़ है । राज्य में हिरण उद्यान की स्थापना वर्ष 1970 में हिसार में की गई थी । इसका क्षेत्रफल 42 एकड़ है ।

हरियाणा के संरक्षण रिजर्व (Conservation Reserves of Haryana):-

1) सरस्वती अभयारण्य:-

           यह 29 जुलाई, 1988 को सरस्वती बागान को सरस्वती वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था । यह हरियाणा के कैथल जिले में स्थित है । इसको सोनसर जंगल भी कहा जाता है । यह लगभग 4,453 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है ।

2) बीरबारा वन्यजीव अभयारण्य:-

           यह वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा के जीन्द जिले में अवस्थित है । यह 419.26 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है । यह भारत का एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है जो विभिन्न प्रकार के प्राणियों और पक्षियों के लिए घर है । यह अभयारण्य स्थानीय लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से उन्हें लकड़ी, फल और सब्जियों का उत्पादन मिलता है । यह अभयारण्य आसपास के कुछ गांवों के लिए भी पानी के स्रोत के रूप में काम करता है ।

हरियाणा राज्य में चिड़ियाघर (Zoo in Haryana State):-

1) पीपली चिड़ियाघर:-

            यह हरियाणा प्रदेश के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली नामक स्थान में अवस्थित है । इसकी स्थापना 1982 में की गई थी । यह 27 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है । यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है ।

2) भिवानी चिड़ियाघर:-

           यह हरियाणा प्रदेश के भिवानी जिले में अवस्थित है । इसकी स्थापना 1982 में की गई थी । यह 7 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है । यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है ।

3) रोहतक चिड़ियाघर:- 

            यह हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले में अवस्थित है । इसकी स्थापना 1986 में की गई थी । यह 4 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है । यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है ।

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