What is cloud computing and how does it work? In hindi - IT/ITes-NSQF & GK

What is cloud computing and how does it work? In hindi

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What is Cloud Computing? in hindi (क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है? हिंदी में)

               क्लाउड कम्यूटिंग (Cloud Computing) वास्तव में इंटरनेट-आधारित प्रक्रिया (Internet based process) और कंप्यूटर ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल है । गूगल एप्स (Google Apps) क्लाउड कंप्यूटिंग का एक उदाहरण है जो बिजनेस ऐप्लीकेशन (Busines Applications) को Internet के द्वारा उपलब्ध कराता है और वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर इनको प्रयोग किया जा सकता है । क्लाउड कंप्यूटिंग द्वारा उपलब्ध कराए गए उपयोगी data, Platform, Application software आदि उपयोगकर्ता / users के कंप्यूटर सिस्टम में न होकर उस कंपनी के server पर स्टोर होते हैं, जो क्लाउड कंप्यूटिंग की सुविधा उपलब्ध करवाते है । कंप्यूटिंग को तेज और सरलता से उपलब्ध करवाने के लिए पैरेलल कंप्यूटिंग (Parallel computing) और डिस्ट्रीब्यूटेड कंप्यूटिंग (Distributed computing) का उपयोग किया जा रहा था, परंतु इनमें उपकरणों / Devices और डाटा को अलग-अलग स्थानों पर share करना सबसे कठिन कार्य था । इस समस्या को हल करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) का उपयोग किया जाता है । इंटरनेट पर सर्वरों (Server) में सूचनाएं (Applications, Web pages, Program इत्यादि) हमेशा के लिए स्टोर रहती हैं और ये उपयोक्ता / users के Desktop, Notebook, Gaming Console इत्यादि पर आवश्यकता के अनुसार अस्थाई रूप से Store रहती हैं । इसे थोड़ा विस्तारित और सरल रूप में कहें तो सीधी सी बात है कि अब तक जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम (Software Program) आप स्थानीय रूप से अपने कम्प्यूटर और लैपटॉप-नोटबुक पर Install करते रहे थे, अब इनकी ज्यादा जरूरत नहीं होगी क्योंकि ये सब सॉफ्टवेयर अब आपको Web services के जरिए ऑनलाइन मिला करेंगी । वेब होस्टिंग (Web hosting) के क्षेत्र में भी क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग कर नए प्रकार की वेब होस्टिंग सर्विस क्लाउड होस्टिंग (Cloud hosting) प्रस्तुत की गई है । भविष्य में आपको गूगल गियर जैसे अनुक्रमों (Sequences) के माध्यम से इस तरह की बहुत सारी सुविधाएं ऑफलाइन भी मिला करेंगीं ।

History Of Cloud Computing (क्लाउड कम्प्यूटिंग का इतिहास):- 

                    Cloud Computing के इतिहास की शुरुआत 1960 के दशक से मानी जाती है । जब इंटरनेट की ठीक से शुरुआत भी नहीं हुई थी । क्लाउड कम्प्यूटिंग की सही शुरुआत इसके 30 से 35 साल बाद 1990 में हुई जब सेल्सफोर्स नाम की कंपनी ने अपनी वेबसाइट से लोगों को सेवाएं देना शुरू किया था । इसके बाद लोगों ने इसके महत्त्व को समझना शुरू किया और इसके बाद ही पता चला की आने वाले समय में यह कितनी महत्वपूर्ण चीज साबित हो सकती है । इसके कई सालों बाद इस क्षेत्र ने तेजी पकड़ी और 21 वी शताब्दी में आकर Amazon, Google और Microsoft जैसी कई दिग्गज कंपनियों ने Cloud Computing के क्षेत्र / फील्ड में अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया ।

How Cloud Computing works (क्लाउड कम्प्यूटिंग कैसे काम करता है):-

                  इसमें कई सारे Server यानी कम्प्यूटर्स जिन पर एक विशेष सॉफ्टवेयर install / इंस्टाल रहता है उसे काम में लिया जाता है । यह एक से अधिक भी हो सकते हैं । इसके कई सारे सॉफ्टवेयर होते हैं । Cloud Computing मूल रूप से दोहरी परत तकनीक (Dual layers technology) पर काम करता है । जहाँ सर्वर्स को मैनेज / Manage करने के लिए एक अलग परत / लेयर होती है जिसे बैक एंड (Back end) कहते हैं और दूसरी लेयर जिसे क्लाइंट इस्तेमाल करते हैं इसे फ्रंट एंड (front end) कहते हैं । इसी तरह बैक एंड (back end) और फ्रंट एंड (front end) दोनों को मिलाकर एक पूरा क्लाउड कम्प्यूटिंग के लिए सर्वर सेटअप होता है ।

Features of Cloud Computing (क्लाउड कम्प्यूटिंग की विशेषताएं):-

1) Fast Speed (तेज गति):- क्लाउड कंप्यूटिंग कम्पनीज (Cloud Computing Companies) मांग होने पर कोई भी रिसोर्स /Resource आपको  कुछ ही समय में Provide / उपलब्ध कर सकती है ।यह सिस्टम बहुत तेज गति से काम करता है ।

2) Low Cost (कम लागत):- किसी उद्यम को कम या लगभग शून्य लागत पर आरम्भ किया जा सकता है । इसको चलाने का खर्च भी कम है क्योंकि इसमें उपभोग /Consumption के अनुसार भुगतान की सुविधा उपलब्ध है ।

3) Browser Based (ब्राउजर पर आधारित):-क्लाउड कम्प्यूटिंग की सुविधाएँ API के माध्यम से इनका उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह ब्राउजर पर आधारित है । यदि आपके सिस्टम में कोई browser इंस्टाल नही है तो आपको इन सुविधाओं को प्रयोग करने में परेशानी हो सकती है ।

4) Scalability (आवश्यकता के अनुसार कम-ज्यादा करने की सुविधा):- आप कम क्षमता  से ले सकते हैं और जैसे ही आपको लगे कि आपको अधिक क्षमता की आवश्यकता है, अधिक क्षमता खरीद लीजिये। यह बदलाव एक घंटे से भी कम समय में किया जा सकता है।

5) Reliabilty (विश्वशनीयता):- चूंकि यह बड़े एवं विश्वसनीय कम्पनियों द्वारा दी जानेवाली सेवा है । इसलिए यह बहुत विश्वसनीय सर्विसेज है । जैसे - Amazon.com, Flipkart.com, Google Cloud इत्यादि ।

6) Eco friendly (पर्यावरण के अनुकूल):- क्लाउड कम्प्यूटिंग ऊर्जा की बचत करने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन न होने के कारण पर्यावरण को बचाने में सहायता करता है ।

क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रकार (Types of Cloud Computing):- 

1) Public Cloud Computing (पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग):-

                     पब्लिक क्लाउड कम्प्यूटिंग का प्रयोग किसी के भी द्वारा किया जा सकता है । यह  सब्सक्रिप्शन आधारित सर्विस होती हैं । इस सर्विस के माध्यम से कोई भी व्यक्ति इसके ऑनलाइन रिसोर्सेज / संसाधनो का उपयोग कर सकता है ।उपयोग के अनुसार इसका शुल्क या फीस अदा करना होता है । इसके उदाहरणों में Google Cloud, AliBaba Cloud, Amazon Web Service, Microsoft Azure इत्यादि शामिल हैं । एक पब्लिक क्लाउड से सम्बन्धित सभी Hardware, Software और अन्य सहायक बुनियादी ढांचा (Supporting infrastructure)    का स्वामित्व क्लाउड सेवा देनेवाले (Cloud service provider) के पास होता है और आप अपने वेब ब्राउज़र का उपयोग करके अपने क्लाउड अकाउंट का उपयोग करते हैं ।

2) Private Cloud Computing (प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग):-

               जब कोई आर्गेनाइजेशन / संगठन अपने निजी उपयोग के लिए अपना खुद का डाटा सेंटर बनाता है तो उसे प्राइवेट क्लाउड कम्प्यूटिंग कहा जाता है । अत्यधिक सुरक्षित / highly secured यह प्राइवेट क्लाउड सामान्य रूप से आर्गेनाइजेशन्स / संगठन के उपयोग और उनकी जरूरतों के हिसाब से बनाए जाते हैं । इसके लिए वह अपना स्वयम का बुनियादी ढांचा (infrastructure) तैयार करता है और किसी थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर (Third Party service provider) का इस्तेमाल करता है । एक प्राइवेट क्लाउड में निजी नेटवर्क पर सर्विसेज और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखा जाता है ।

3) Hybrid Cloud Computing (हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग):- 

                      हाइब्रिड क्लाउड यानि यह पब्लिक क्लाउड और प्राइवेट क्लाउड दोनों को मिलाकर बनाया जाता है । इस प्रकार इसका कुछ भाग पब्लिक / सार्वजनिक के लिए उपलब्ध होता है जबकि कुछ भाग प्राइवेट / निजी होता है । इस हिस्से को केवल सम्बन्धित ऑर्गेनाइजेशन / संगठन के द्वारा हीं एक्सेस / use किया जा सकता है । एक हाइब्रिड क्लाउड आपके बिजनस / व्यापार को अधिक लचीला / फ्लेक्सिबल बनाता है । यह आपके बिजनस / व्यापार को अधिक फैलाव का विकल्प देने के साथ उसके बुनियादी ढांचे / बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सिक्यूरिटी / सुरक्षा और कंप्लायंस को कस्टमाइज्ड / अपने हिसाब से करने में सहायता करता है ।

4) Community Cloud Computing (कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग):- 

                      इसे भी इसके नाम से हीं समझा जा सकता हैं, कि कम्युनिटी यानि समुदाय तो जब दो या दो से अधिक आर्गेनाइजेशन्स / संगठन एक साथ आपस में मिलकर किसी ऐसे मंच या क्लाउड प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं तो वह कम्युनिटी क्लाउड कम्प्यूटिंग कहलाता है । कम्युनिटी क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से यह भिन्न भिन्न आर्गेनाइजेशन्स / संगठन आपस में इंफॉर्मेशन / सूचना को शेयर करते हैं ।

क्लाउड कम्प्यूटिंग की सेवाए (Services of Cloud Computing in Hindi):-

                              क्लाउड कम्प्यूटिंग की सेवाओं (Services) के आधार पर इनके कुछ Module है जो इस प्रकार है:-

1) Software as a Service (SaaS):-

                         क्लाउड कम्प्यूटिंग के इस मापांक (Module) में सिर्फ सॉफ्टवेयर (Software) मिलता है जिसका नियंत्रण यूजर के पास होता है । जिसे इंटरनेट के द्वारा Access / चलाया जाता है । इसके कारण किसी Software को प्रयोग / use करने के लिए डिवाइस में स्थापित (Install) करने का जरुरत नहीं होगा । जैसे:- वेब आधारित ईमेल (Web-based email), ऑफिस सॉफ्टवेयर, ऑनलाइन गेम आदि यह सभी SaaS के उदाहरण हैं ।

2) Platform as a Service (PaaS):-

                      इस क्लाउड कम्प्यूटिंग मापांक (Module) में एक Platform मिलता है । जहाँ डेवलपिंग (Developing) संबंधित कार्य किया जा सके । जैसे:- Application Develop करना । यह Platform Application Development को भी सहयोग करता है । यह प्लेटफार्म सॉफ्टवेयर डेवलपर (Software Developer) या वेब डेवलपर (Web Developer) के लिए फायदेमंद होता है । क्योंकि इस प्लेटफार्म में डेवलपर को Development संबंधित सभी टूल्स मिल जाते है । इसे समय समय पर अपडेट और इसमें नये Features को जोड़ा भी जाता है ।

3) Infrastructure as a Service (IaaS):-

                  यह क्लाउड कम्प्यूटिंग मॉड्यूल मापांक (Module), कम्प्यूटिंग के सम्पूर्ण पैकेज (Complete Package) के साथ आता है । इस Module के द्वारा इंटरनेट के जरिए कंप्यूटर संसाधन (Computer Resources) को वर्चुअल (Virtual) तरीके से Access / प्रयोग किया जा सकता है । जैसे:- Virtual Server Space, Network Connection और IP Address इत्यादि को प्रदान करता है । यह Business में भी काफी फायदेमंद होता है । खासकर के छोटे पैमाने के व्यापार (Business) के लिए क्योंकि इसमें बुनियादी ढांचा (Infrastructure) लागत कम होती है ।

क्लाउड कम्प्यूटिंग के उपयोग हिंदी में (Use of Cloud Computing in Hindi):-

                    इंटरनेट का उपयोग करने वाले व्यक्ति जाने अंजाने में ही सही पर क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग जरूर करते हैं । आजकल क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है । यह दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जाएगा । यहाँ हमने क्लाउड कम्प्यूटिंग के कुछ Common / सामान्य और Popular / चर्चित उपयोग को बताया है जो इस प्रकार है:-

1) एक समान्य व्यक्ति  इसका उपयोग अपने गोपनीय (Confidential) और गैर-गोपनीय (Non-Confidential) डाटा को Store, Manage और Share करने के लिए करते हैं । जैसे; Google Drive, Dropbox, One Drive, Microsoft Azure etc.

2) क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग सॉफ्टवेयर विकास (Software Development) और परीक्षण / Testing में किया जाता है ।

3) क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग वेबसाइट को होस्ट करने के लिए भी किया जाता है । इससे वेबसाइट के मालिक होस्टिंग संभालने बच जाते हैं ।

4) क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग अपने डाटा का Backup / बैकअप रखने के लिए किया जाता है ।

5) क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग क्लाउड डेटाबेस Database के लिए किया जाता है ।

क्लाउड कम्प्यूटिंग के लाभ हिंदी में (Advantage of Cloud Computing in Hindi):-

1) क्लाउड कम्प्यूटिंग व्यापार में फायदेमंद होता है । खासकर के छोटे व्यापार (Business) लिए ज्यादा अच्छा होता है । क्योंकि इसका उपभोग कम लागत में किया जा सकता है ।

2) क्लाउड कम्प्यूटिंग को प्रयोग करना भी आसान होता है । एक समान्य इंटरनेट यूजर इसे यूज कर सकते हैं । क्योंकि इसे वेब ब्राउजर की सहायता से चलाया / Access किया जाता है ।

3) क्लाउड कम्प्यूटिंग के हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) को Maintain करने की जरूरत नहीं होती है । ये सब क्लाउड कम्प्यूटिंग प्रदाता द्वारा संभाला (Maintain) जाता है ।

4) क्लाउड कम्प्यूटिंग की गति (speed) अच्छी होती है । इसे इंटरनेट कनेक्शन के जरिए कहीं से भी Access / चला सकते हैं ।

5) क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग इंटरनेट के जरिए कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट आदि के द्वारा कर सकते हैं ।

6) क्लाउड कम्प्यूटिंग का डाटा सुरक्षित / Secure होता है ।

7) क्लाउड कम्प्यूटिंग के क्षमता को कम ज्यादा करने का सुविधा प्राप्त होता है ।

8) क्लाउड कम्प्यूटिंग के कारण समय की बचत होती है ।

9) क्लाउड कम्प्यूटिंग में बैकअप की सुविधा प्राप्त होती है ।

क्लाउड कम्प्यूटिंग की हानियां हिंदी में (Disadvantage of Cloud Computing in Hindi):-

1) जहाँ इंटरनेट कनेक्शन की पहुँच नहीं है । वहाँ क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और ना ही वहाँ क्लाउड कम्प्यूटिंग के डाटा को प्राप्त कर सकते हैं । ऐसा कहीं भी हो सकता है । जब इंटरनेट कनेक्शन ठप पड़ जाता है । ऐसी स्थिति में क्लाउड कम्प्यूटिंग व्यापार में नुकसान पहुंचाता है । लेकिन पेनड्राइव में डाटा को कहीं भी ले जा सकते हैं और Use भी कर सकते हैं ।

2) क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग करते वक्त आप अपने डाटा को किसी थर्ड पार्टी को सौंप रहे हैं । जिसमें आपका गोपनीय डाटा भी हो सकता है । जिसे क्लाउड कम्प्यूटिंग कंपनी गलत प्रयोग भी कर सकती है ।

3) क्लाउड कम्प्यूटिंग के डाटा को अंजान व्यक्ति (Hacker) से खतरा होता है । हालांकि इससे बचने के लिए इसमें Password Authentication और Data Encryption जैसे Security Layer उपलब्ध होती है ।

Some examples of Cloud Computing (क्लाउड कम्प्यूटिंग के कुछ उदाहरण):- 

                     Cloud Computing टेक्नोलॉजी के अनेकों उदाहरण आज दुनिया में मौजूद हैं । जिसमे से कुछ चुनिंदा प्रसिद्ध उदाहरण हम आपके सामने पेश कर रहे हैं जो इस प्रकार है:-

1) Youtube (यूट्यूब):- यह एक प्रसिद्ध वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है । यूट्यूब पर रोज़ाना लाखों वीडियो अपलोड होते हैं । ऐसे में इतने सारे वीडियो को स्टोर करने के लिए यूट्यूब क्लाउड कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है । इस पर लोग अपने चैनल बनाते है और फिर वीडियो अपलोड करते है ।

2) Facebook (फेसबुक):- फेसबुक एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफार्म जिस पर अरबों लोगों का प्रोफाइल है । जिसमे उनका बहुत सा डाटा मौजूद है तो ऐसे में इतने सारे डाटा को रखने के लिए फेसबुक भी क्लाउड कम्प्यूटिंग (Cloud Computing) का ही इस्तेमाल करता है ।

3) E-mails (ईमेल):- ईमेल सर्विस को आजकल लगभग हर कोई जानता है । E-mail सेवा प्रदान करने वाली सारी कंपनी जैसे की Gmail, Rediff, yahoo व Online storage space देने वाली सारी कंपनियां जैसे की DropBox, Yondex, Media Fire, Mega आदि सभी कंपनियां क्लाउड कम्प्यूटिंग का ही इस्तेमाल करती हैं ।  

4) Instagram (इंस्टाग्राम):- यह एक प्रसिद्ध वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है । जहा पर लोग रोज़ाना लाखों वीडियो अपलोड करते हैं । ऐसे में इतने सारे वीडियो को स्टोर करने के लिए इंस्टाग्राम क्लाउड कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है । 

5) Google Drive (Google Drive):- यह गूगल द्वारा बनाई गई एक फ़ाइल भंडारण (file storage) और वर्णनात्मकता सेवा (Descriptive Service) है । यह Users को फ़ाइलों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने, फ़ाइलें share करने, और दस्तावेजों को edit करने, स्प्रेडशीट, और सहयोगियों के साथ प्रस्तुतियों (Presentations) की अनुमति देता है ।

6) Dropbox (ड्रॉपबॉक्स):- Dropbox भी एक Cloud Storage है जिसको अमेरिका की कंपनी ड्रॉपबॉक्स (Dropbox) द्वारा उपलब्ध कराया गया है । बहुत सी फाइल ऐसी होती है जिनकी जरुरत आपको बार बार पड़ती हे लेकिन कंप्यूटर में होने के कारण आप उनको अपने साथ हमेशा नहीं रख सकते हैं तो इसके लिए आप उस फाइलो को ड्रॉपबॉक्स में upload करके दुनिया के किसी भी कोने से देख, प्रयोग या download कर सकते है ।  इसमें आप अपने फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट और कोई भी फाइल आदि को स्टोर कर सकते है ।

7) Picasa (पिकासा):- यह एक मुफ्त फोटो प्रबंधन सॉफ्टवेयर और फोटो-शेयरिंग वेबसाइट है जो आपको तुरंत फोटो खोजने,Edit करने और share करने में मदद करता है ।

8) Yahoo (याहू):- Yahoo एक Search Engine है जिस पर आप कुछ भी सर्च कर सकते है । इसे 1995 में लांच किया गया था और आज Yahoo, Google और Bing के बाद सबसे ज्यादा search किया जाने वाला Search Engine है । जहा पर बहुत बड़ी मात्रा में सूचनाए स्टोर है ।

9) Microsoft Azure (माइक्रोसॉफ्ट एज्यूर):- यह Microsoft द्वारा विकसित और संचालित एक cloud computing platform है । यह  enterprises को cloud में applications चलाने और सामग्री host करने की अनुमति देता है । Microsoft ने कंप्यूटिंग की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए Azure को विकसित किया है ।

10) IBM Cloud (आई बी एम क्लाउड):- यह IBM की क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं का एक सूट है जो एक सेवा के रूप में प्लेटफ़ॉर्म और सेवा के रूप में बुनियादी ढाँचा दोनों प्रदान करता है ।


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