साइबर सुरक्षा के लिए खतरे और उनके प्रकार हिंदी में (Cyber ​​security threats and their types in hindi) - IT/ITes-NSQF & GK

साइबर सुरक्षा के लिए खतरे और उनके प्रकार हिंदी में (Cyber ​​security threats and their types in hindi)

नमस्कार आप सभी का हमारी वेबसाइट "https://raazranga.blogspot.com" पर स्वागत हैं, आज हम इस पोस्ट के माध्यम से "साइबर सुरक्षा के लिए खतरे और उनके प्रकार हिंदी में (Cyber ​​security threats and their types in hindi)" के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ।


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साइबर सुरक्षा के लिए खतरे और उनके प्रकार (Cyber ​​security threats and their types):-   

                 आज के समय में साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी आवश्यकता है । ऑनलाइन धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, धमकी, स्पैमिंग, भड़काने वाले कमेंट्स, हैकिंग आदि बहुत ही आम समस्याएं हो गई हैं । इससे निपटने की सख्त जरुरत है ।  लोगों के अकाउंट्स से पैसे बस एक मिनिट की फोन कॉल से उड़ रहे हैं । सरकार इन सभी अपराधों से निपटने हेतु विभिन्न प्रकार के नियम बना रही है लेकिन तब भी ये अपराध कम नहीं हो रहे हैं । साइबर सुरक्षा पूरे विश्व की जरूरत है । लेकिन इसके लिए बहुत सी चीजे खतरा बनी हुई है । आइए इस पोस्ट के द्वारा साइबर सुरक्षा के लिए खतरे और उनके प्रकारों को विस्तार से जानते है:-

1) हैकिंग (Hacking):-

                              आजकल Computer और Smartphone की मांग इतनी बढ गई है कि लोग इनके इस्तेमाल के बिना अपना काम नहीं चला सकते । आप चाहे कोई भी काम करते हो आपको इन दोनों चीजों की जरूरत होती ही है । Cybercrime के बारे में आपने सुना होगा ये एक ऐसा crime जिसमें Hackers दूसरे लोगों के कंप्यूटर / स्मार्टफोन से जरूरी जानकारी और डाटा यानी उनकी पर्सनल फाइलें चुरा लेते हैं और उनको Blackmail कर पैसों की मांग करते हैं या फिर आपकी पर्सनल जानकारियों को इंटरनेट पर भी upload कर सकते हैं । Hacking जैसे काम को  करने वाले इंसान को Hacker कहते हैं और इनको कंप्यूटर के बारे में बहुत ज्यादा ज्ञान होता है । इस तरह के काम को करने के लिए Hacker कंप्यूटर में किसी ऐसे Entry Point को ढूंढता है जिसके द्वारा वह उस कंप्यूटर में Entry कर सके जिसको वह target करते है । उनका ऐसा करने का purpose किसी कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाने या फिर कंप्यूटर से किसी विशेष जानकारी चुराने के लिए किया जाता है । 

Hackers दो तरह के होते हैं:-

1) White Hat Hacker:- जो अच्छे काम के लिए Hacking करते हैं और इनसे किसी को कोई नुकसान नहीं होता है । 

2) Black Hat Hacker:- वह Hackers जो Hacking का इस्‍तेमाल दूसरों को परेशान करने या उनकी जरूरी फाइलों को उनके सिस्‍टम से चुराने के लिए करते हैं ।

2) क्रैकिंग (Cracking):- 

                        Cracking एक ऐसी तकनीक या विधि है जिसके द्वारा कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को crack / तोड़ने या पूरी तरह सिस्‍टम को नष्ट करने के लिए किया जाता है । यह हैकिंग के समान ही होता है । यह एक बहुत बड़ा अपराध है । Crackers को आप इस तरह समझ सकते हैं जैसे बैंक में चोरी करने के लिए चोर ताले को तोडता है । उसी तरह Cracker भी कंप्यूटर के Software Programs और उसके Accounts को Crack करता है । इसके द्वारा cracker paid सॉफ्टवेयर को बिना पैसे दिए प्रयोग कर सकता है । Hacker उन सॉफ्टवेयरों के Codes को Break कर देता है और उन सॉफ्टवेयरों को बिना Payment करे ही Illegal/गलत तरीके से Activate कर देता है इन सॉफ्टवेयरों को पायरेटेड सॉफ्टवेयर भी कहते हैं । इस तरह की गतिविधियों को क्रैकिंग कहा जाता है ।

Cracking के तीन प्रकार होते है:- 

1) पासवर्ड क्रैकिंग (Password Cracking)

2) सॉफ्टवेयर क्रैकिंग (Software Cracking)

3) नेटवर्क क्रैकिंग (Network Cracking) 

3) फिशिंग (Phishing):-

                                इसके नाम से ही पता चलता है कि जिस तरह तालाब में मछली को कुछ डालकर पकड़ा जाता है, उसी प्रकार कंप्यूटर में आपको फसाने के लिए आपके पास कोई मेल या मैसेज भेजा जाता है । जिससे द्वारा कोई Hacker आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन की जानकारी चूरा सके । यह एक साइबर क्राइम है जिसमें आपकी जरूरी Information /सूचना जैसे बैंक विवरण, क्रेडिट/डेबिट कार्ड विवरण, पासवर्ड इत्यादि की जानकारी प्राप्त करना फिशिंग कहलाता है । इसमें आपको किसी बैंक द्वारा या किसी वैध संगठन के द्वारा कॉल या मैसेज किए जाते हैं परंतु वास्तव वह उनसे नहीं आए होते हैं । वह Fake/फर्जी मेसेज होते हैं । यह एक प्रकार का Social Engineering हमला है जिसका प्रयोग अक्सर user यानी उपयोगकर्ता के डाटा को चुराने के लिए किया जाता है । फिशिंग को करने वाले किसी की जानकारी प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया साइट्स और ईमेल का इस्तेमाल करते हैं और यहां से वह आपकी व्यक्तिगत जानकारी चूरा लेते हैं जैसे आपका नाम, काम करने की History, आपकी आदतो के बारे में इत्यादि ।

Phishing पांच प्रकार की होती हैं:-

1) Spear Phishing (स्पीयर फिशिंग)

2) Whaling Attack (व्हालिंग हमला)

3) Pharming Attacks (फार्मिंग हमला)

4) Voice Phishing (वॉइस फिशिंग)

5) SMS Phishing (SMS फिशिंग)

4) स्पूफिंग (Spoofing):-

                            यह एक ऐसा तरीका है जिससे हमलावर आपके कंप्यूटर या सर्वर में अनधिकृत पहुंच करता है । इसमें हमलावर कंप्यूटर नेटवर्क में एक संदेश भेजता है और आपको ऐसा लगता है कि किसी जानकार ने भेजा है । इसमें हमलावर IP Address को बदल देता है । स्पूफिंग का प्रयोग ज्यादातर DDOS (Distributed Denial of Service) के हमले के लिए किया जाता है । यह इंटरनेट की दुनिया में किसी वेबसाइट या सर्वर पर ऐसा हमला होता है जिससे किसी वेबसाइट को डाउन या बंद कर किया जाता है । यहां जब कोई हमलावर किसी वेबसाइट को हैक करता है तो वह अपनी मन मर्जी के हिसाब से उस वेबसाइट को चलाता है या उसे बंद कर देता है । फिर अगर कोई उपयोगकर्ता उस वेबसाइट तक पहुंचना चाहे तो वह वेबसाइट उपलब्ध नही है (Unavailable) दिखाती है ये सारे काम एक अकेले हैकर के द्वारा नहीं किये जाते है । इसके लिए पूरी टीम मिलकर काम करती हैं जो मिलकर DDoS हमले को अंजाम देती है । इसमें हमलावर बहुत सारे स्पूफ किए गए IP Address को सर्वर या कंप्यूटर पर भेजता है जिससे कंप्यूटर में बहुत सारा ट्रैफिक आ जाता है जिसे आपका कंप्‍यूटर संभाल नहीं पाता है । स्पूफिंग में हमलावर आपके पास एक मेल भेजता है जो बिलकुल email के समान लगता है और उसमें एक link दिया होता है जैसे ही कोई उस लिंक पर क्लिक करता है तो आपके कंप्यूटर या सर्वर में वायरस आ जाता है । 

5) रूटकिट (Rootkit):-

                          इसका प्रयोग आमतौर पर गलत काम करने के लिए किया जाता है । यह कंप्‍यूटर में वहा जगह बना लेता है जहां आमतौर पर सॉफ्टवेयर नहीं होते हैं । इसकी जानकारी उपयोगकर्ता को भी नहीं होती हैं । यह कभी-कभी तो किसी दूसरे सॉफ्टवेयरों का आकार और रूप ले लेते हैं और खुद को छुपा लेते हैं । जब आप किसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करते हैं तो यह उस सॉफ्टवेयर के साथ आपके कंप्यूटर में इंस्टॉल हो जाते हैं और यूजर को पता भी नहीं होता । जब आपके कंप्यूटर पर रुटकिट इंस्टाल हो जाती हैं तो आपके कंप्यूटर पर सारा नियंत्रण हमलावर के हाथ हो जाता है । वह आपके कंप्यूटर से आपकी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी चूरा सकता है और आपको ब्लैकमेल कर सकता या आपकी जानकारी का गलत प्रयोग कर सकता है । यदि आपके कंप्यूटर में रुटकिट इंस्टाल हो जाता है तो आपको अपने ऑपरेटिंग सिस्टम या कंप्यूटर विंडो को पूरी तरह इंस्टाल करना पडता है । इस तरह आपके कंप्यूटर की संपूर्ण जानकारी डिलीट हो जाती हैं । यदि आपके कंप्‍यूटर में रुटकिट है तो वो आपके Anti-malware Protection को बंद कर देता है और यदि आपके कंप्‍यूटर की विंडो सेटिंग अपने आप बदल रही हैं तो ये भी रुटकिट होने की वजह से होता है । इसको इस तरीके से बनाया जाता है कि उसको पकडना और निकालना आसान नहीं होता है । इसको पकडने और निकालने के लिए या तो आपको अपने ऑपरेटिंग सिस्‍टम को पूरी तरह दोबारा इंस्टॉल करना पडता है । कुछ सॉफ्टवेयर ऐसे भी आते हैं जिनकी मदद से आप रुटकित ढूंढ सकते हैं । इनको रुटकिट स्कैनर कहते हैं ।

6) एडवेयर (Adware):- 

                            यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर पैकेज होता है, जो किसी भी विज्ञापन को अपने आप ही टुकडे-टुकडे कर स्‍क्रीन पर दिखाता है । यह बिलकुल फ्री सॉफ्टवेयर होता है । जब आप कोई काम कर रहे हैं तो ऐडवेयर की मदद से आप किसी वेबसाइट पर जा सकते हैं । एडवेयर को चलाने के लिए एक इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती हैं । इसको अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल करने से पहले ये देख लेना चाहिए कि वह किसी अच्‍छी कंपनी का हो क्योंकि कुछ एडवेयर स्पाईवेयर के रूप में काम करते हैं जो आपके कंप्यूटर की जानकारी इंटरनेट के माध्‍यम से दूसरे कंप्यूटर पर भेज सकते हैं । एडवेयर कंप्यूटर की गति को धीमा कर देते है । यदि आपके कंप्यूटर की गति धीमी हो गई हैं तो आपके कंप्यूटर में एडवेयर हो सकते है । लोगों का  एडवेयर बनाने का उद्देश्य पैसे कमाना या आपके कंप्यूटर से आपकी कोई व्यक्तिगत जानकारी चुराना और किसी तीसरे व्यक्ति को बेचना है । कुछ सॉफ्टवेयर ऐसे होते हैं जिनकी सहायता से आप एडवेयर को अपने कंप्यूटर में आने से रोक सकते हैं जैसे:- Avast, AVG, Qiuck heal, escan, Panda एंटी वायरस इत्‍यादि । 

7) स्पैम (Spam):-

                           कंप्‍यूटर और मोबाइल डिवाइसों के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साथ और भी चीजें सुनने को मिलती हैं । आपने स्पैम शब्द जरूर सुना होगा स्पैम शब्द का मतलब किन्हीं अनचाहे E-mails का आना है । यह E-mails जब आते हैं उनका प्राप्त कर्ता को भी नहीं पता होता कि वह कहां से आए हैं और किसने भेजे हैं । आजकल स्पैम का आना आम है और ईमेल कंपनियों ने सुरक्षा के लिए एंटी-स्पैम प्रोग्राम लगा रखे हैं जिससे आपके पास कोई भी ऐसी मेल न जा सके और अगर आ भी जाए तो स्पैम नाम का अलग फोल्डर बना होता है जिसमे ये मेल चले जाते है । स्पैम मेल की वजह से आजकल बहुत सारी दोखाधड़ी होती हैं कुछ लोगों ने इसे अपनी आमदनी का जरिया बना रखा है ।स्पैम को अपने सिस्‍टम में आने से रोकने का एक ही तरीका है कि आप अपने पासवर्ड को बार बार बदलते रहें या फिर ऐसा रखें जिससे कोई उसे हैक न कर सके । स्पैम भेजने वालों को स्पैमर कहा जाता है ।

              इस पोस्ट के द्वारा हमने जाना की साइबर सुरक्षा के लिए खतरे क्या है और उनके प्रकार (Cyber ​​security threats and their types) । आशा है की आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा । 

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Thanks for read my Blog|| राज रंगा

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