Computer & History of Computer Evolution (कंप्यूटर और कंप्यूटर के विकास का इतिहास)
Computer:-
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो प्रोग्राम नामक निर्देशों (instructions) के सेट के अनुसार सूचना या डेटा में हेरफेर करता है । इसमें डेटा को स्टोर करने(Store), पुनर्प्राप्त करने(Retrieve) और Process करने की क्षमता है । कंप्यूटर का उपयोग दस्तावेज़ों (Documents) को टाइप करने, ई-मेल भेजने और इंटरनेट ब्राउज़ इत्यादी को प्रयोग करने के लिए किया जाता है । इसका उपयोग स्प्रेडशीट, एकाउंटिंग को संभालने के लिए भी किया जाता है । इसके अतिरिक्त डेटाबेस प्रबंधन, प्रस्तुतियाँ (Presentation), खेल और अन्य बहुत से कामो को करने के लिए किया जाता है ।
History of Computer Evolution (कंप्यूटर के विकास का इतिहास):-
गणनाएं (Calculations) करना हमेशा से हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है, तभी तो जोड़-घटाना, गुणा-भाग करने के तरीके हमें प्राथमिक कक्षाओं में ही सिखा दिये जाते हैं । हिसाब में जरा सी भूल हो जाने पर ही बहुत बड़ी गलतियां तक हो जाती हैं और पूरी प्रक्रिया को दोबारा करना पड़ सकता है । हिसाब की यह प्रक्रिया और जाने का भय, मनुष्य के मस्तिष्क को हमेशा से थकाते रहें हैं । हजारों वर्षों तक मनुष्य एक ऐसी युक्ति या device की कल्पना करता रहा जो बहुत तेजी से एक दम सही-सही (fastly and accurate) गणनाएं या Calculation करके उनके परिणाम उसे बता सके । Calculation करने वाली ऐसी मशीन बनाने की कोशिशों का दौर सन् 1600 के लगभग प्रारम्भ हुआ । 16वी शताब्दी मे Abacus नाम की device चीन द्वारा बनाई गई थी जो पहली mechnical calculating device थी । इसके बाद वैज्ञानिक ऐंसी मशीने बनाने में जुट गये । इसी श्रृंखला में 1642 के लगभग Blaise Pascal नामक वैज्ञानिक को प्रथम मैकेनिकल ऐडिंग मशीन बनाने में सफलता मिली । कुछ वर्षो पश्चात् Leibniz नामक वैज्ञानिक ने भी एक कैल्कुलेटिंग मशीन बनाई । इसी प्रकार Charles Babbage ने एक महत्वपूर्ण मशीन differencial engine बनाई । 1822 के लगभग चार्ल्स बैबेज ने डिफेरेंश इंजिन (Difference Engine) को डिजाइन किया था जो fast speed से एवं एक दम सही गणनाएं करने वाली एक मशीन थी । कुछ वर्षो बाद चार्ल्स ने पुनः और ज्यादा क्षमता वाली कैल्कुलेटिंग मशीन एनालिटिक इंजिन को डिजाइन किया लेकिन अफसोस की बात है कि तकनीकी समस्या के कारण वह बन न सकी । लेकिन चार्ल्स बैबेज ने जो रास्ता दिखाया उसके लिए उन्हें आधुनिक कम्प्यूटर्स का पिता यानि Father of the modern computers कहा जाता है । उल्लेखनीय है कि सबसे पहले विशुद्ध mechanical calculating machines बनाई गयी, इसके बाद इन mechanical machines में, बिजली से चलने वाले पुर्जे लगा कर इलेक्ट्रो-मेकेनिकल कैल्कुलेटिंग मशीनें बनायी गयीं और अंततः इलेक्ट्रानिक कैल्कुलेटिंग मशीन यानि हमारे आधुनिक कम्प्यूटर का विकास हुआ इस श्रृंखला में कुछ ऐसे खास कम्प्यूटर भी समय-समय पर बने जिन्होंने अपनी तकनीकी श्रेष्ठता से कम्प्यूटर्स के इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया । आईये हम इस Blog के द्वारा जानते हैं की आज जो हम कंप्यूटर प्रयोग कर रहे है उसका विकास कैसे हुआ है:-
1) Abacus Device:- यह डिवाइस चीन मे लगभग 16 वी शताब्दी के मे बनाया गया था । यह पहला mechanical calculating device थी । यह एक लकडी के frame मे लकडी या पत्थर के बने मनके जोड़े गए थे । इसके द्वारा जोड़, घटा, वर्गमूल भी किया जा सकता था ।
ABACUS DEVICE |
2) Napier's Bones Device:- इस डिवाइस का आविष्कार John Napier नाम के एक वैज्ञानिक ने स्कॉटलैंड में वर्ष 1617 में किया गया था । इस मशीन को बनाने का उद्देश्य केवल कैलकुलेशन सम्बंधित कार्य को पूरा करना था । इस मशीन के निर्माण होने से गुना (Multiply) करने का कार्य काफी सरल हो गई था । इस मशीन को बहुत सी प्रकार की Rods से मिलकर बनाया गया था । इन Rods को मशीन में इस प्रकार से लगाया जाता था जिससे इसमें आसानी से गुणा टेबल फीट हो जाये । इनको बनाने मे हड्डियो का प्रयोग किया गया था । इसलिय इन्हे bones device कहा जाता था । इसके उपयोग से संख्याओ को गुना कर सकते थे ।इसमे calculation के लिए जो तकनीक प्रयोग की जाती थी उसे Rabdologia कहा जाता था ।
Napier Bones Device |
3) Slide Rule(स्लाइड रूल):- इस device का आविष्कार सन 1620 मे Edmund Gunter and Reverrend William Oughtred द्वारा किया गया था । इस डिवाइस को Slipstick के नाम से भी जाना जाता है । इसका उपयोग विशेष रूप से गुणा और भाग के लिए और घातांक, मूल, लघुगणक और त्रिकोणमिति जैसे कार्यों के लिए किया जाता था । यह एक Mechanical Analog कंप्यूटर था । इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर के आगमन से पहले यह विज्ञान और इंजीनियरिंग में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला गणना उपकरण था ।
Slide Rule |
4) Pascaline Device:- इसका आविष्कार सन 1642 मे Blaise Pascal नामक एक mathmatician ने किया था । इनके पिता एक tax inspector थे तो उनकी मदद करने के लिए उसने इस मशीन को बनाया था । यह एक Mechanical adding machine थी । यह machine एक आयताकार बॉक्स की बनी हुई थी जिसमे आठ disc लगी हुई थी । यह दो नम्बर की जोड़ और घटा कर सकती थी ।
Blaise Pascal's Pascaline Device |
5) Leibniz's Machine:- सन 1673 में जर्मन गणितज्ञ-दार्शनिक Gottfried Leibniz ने स्टेप रेकनर नामक एक गणना मशीन तैयार की जिसे Liebniz Machine के नाम से जाना जाता है । स्टेप रेकनर ने पास्कल के विचारों का विस्तार किया और बार-बार जोड़ और स्थानांतरित करके गुणा किया । यह machine गुणा और भाग कर सकती थी ।
Leibniz's Machine |
6) Panch Card:- पंच कार्ड का आविष्कार 1801 मे Joseph Jacquard द्वारा किया गया था ।यह पंच कार्ड एक प्रकार का कठोर कागज का कार्ड होता है । जिसका प्रयोग किसी Statement और Data को Store करने के लिए किया जाता है । इन पंच कार्ड में डिजिटल डाटा को स्टोर किया जाता है । इन पंच कार्ड में डिजिटल डाटा स्टोर करने के लिए पंच कार्ड में कुछ छोटे-छोटे छेदो का प्रयोग किया जाता है । इन cards का प्रयोग textile industries मे पावरलूम मशीनो मे किया जाता है । इसके प्रयोग से कपडा उद्योग बहुत मे बहुत उन्नति हुई ।
Panch Card & Panch Card Machine |
7) Difference Engine:- चार्ल्स बैबेज ने "Difference Engine" का आविष्कार सन 1922 मे किया था । चार्ल्स बैबेज को "कंप्यूटर के पिता या Father of Computer" के रूप में जाना जाता है । डिफरेंस इंजन का यह नाम उसके गणितीय सिद्धांत के कारण है जिस पर ये आधारित था । यह मशीन भाप के द्वारा संचालित की गयी थी । यह आकार में काफी बड़ी थी और प्रोग्राम को स्टोर करने में तथा गणना करने के साथ ही परिणाम को Print करने में भी सक्षम थी ।
Difference Engine |
8) Analytical Engine:- इसको दुनिया के पहले विशेष प्रयोजन वाले मैकेनिकल कंप्यूटर (special-purpose mechanical computer) के लिए जाना जाता है । यह आधुनिक कंप्यूटर के लिए ब्लूप्रिंट सेट करता है । इसको 1833 और 1846 के बीच प्रसिद्ध गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज द्वारा डिजाइन किया गया था । लेकिन पैसे की कमी होने के कारण वह इस काम को पूरा नहीं कर सके । 1871 में Charles Babbage की मौत हो गई । इसके बाद 40 साल बाद 1888 में Charles Babbage के बेटे Henry Babbage ने इस काम को पूरा किया ।
Analytical Engine |
9) Tabulating Machine:- एक अमेरिकी गणितज्ञ Herman Hollerith, जो लेखांकन में शीघ्र गणना कार्य हेतु एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल पंचकार्ड वाली एक मशीन का आविष्कार/निर्माण सन 1890 मे करता है । जिसे वर्ष 1890 में शुरू की गई अमेरिका की जनगणना में 7 वर्ष से काम समय लगा था । इसके बाद के मॉडल व्यापक रूप से व्यावसायिक Applications मे लेखांकन और सूची नियंत्रण के लिए उपयोग किए गए थे । होलेरिथ की इस मशीन में पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था । उन्होंने अपने Code विकसित किए थे जिन्हें होलेरिथ कोड कहा गया । इन कोड के द्वारा पंच कार्ड में सूचना का संग्रह करना सम्भव हो पाया । पंच कार्ड में जो छेद होते हैं वे 1 को प्रदर्शित करते हैं व जहां छेद नहीं होते हैं वे 0 को प्रदर्शित करते हैं । इस मशीन में डाटा को भविष्य के लिए संग्रहित करना सम्भव हो सका । होलेरिथ ने 1896 में एक कम्पनी निर्मित की और वे मशीन बेचने लगे । 1924 में यह कम्पनी एक अन्य कम्पनी के साथ विलय हुई और IBM (International Business Machine Corporation) के नाम से जानी जाने लगी । यह पहली यांत्रिक मशीन थी जो बिजली से चलती थी । इसने मशीनों के एक वर्ग को जन्म दिया, जिसे यूनिट रिकॉर्ड उपकरण और डेटा प्रोसेसिंग उद्योग के रूप में जाना जाता है ।
Tabulating Machine |
10) ABC Computer:- ABC कंप्यूटर का नाम इसके बनाने वालो ने अपने नाम पर रखा था जिनका नाम John Vincent Atnasoft और Cliford Berry था । उन्होने इसे 1939-42 मे Lowa state University मे बनाया था । यह एक पहला automatic electronic digital computer था । इसमे calculation के लिए Binary system का प्रयोग होता था । बेरी, एटानासॉफ ने अपने डिजाइन के लिए केंद्रीय दो विचारों के परीक्षण के उद्देश्य से एक सफल छोटे प्रोटोटाइप का निर्माण किया:-
i) कैपेसिटर का उपयोग बाइनरी रूप में डेटा स्टोर करने के लिए ।
ii) इलेक्ट्रॉनिक लॉजिक सर्किट का उपयोग addition और Subtraction करने के लिए ।
ABC Computer |
11) Turing Machine:- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग ने 1943 मे कॉलोसास नामक कंप्यूटर अपने देश की फौज के लिए डिज़ाइन किया ताकि जर्मनी के गुप्त संदेशों को समझा जा सके । इस कंप्यूटर के अस्तित्व को 1970 के दशक तक छिपाकर रखा गया ।
Turing Machine |
12) Mark-1 Computer:- इसका आविष्कार Howard Aiken ने सन 1944 मे किया था । Mark-I कम्प्यूटर आकार में बहुत बड़े और संरचना में अत्यन्त जटिल थे । इनका लंबाई 50 फीट के लगभग थी और ऊंचाई भी 8-10 फीट थी । ये जोड-घटा, गुणा और भाग कर सकते थे । जोड़ करने मे जहां इन्हें 0.3 का समय लगता था वहीं गुणा करने में ये 5 सेकण्ड तक का समय लेते थे । यह विश्व का पहला स्वचालित विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटर (First Electro-Mechanical Computer) था । इनमे डाटा मैन्युअली एंटर किया जाता था । इनमे डाटा Magnetic Drums मे स्टोर किया जाता था । इन computers का प्रयोग Second World War के दौरान किया गया था ।हालाँकि मार्क-1 कंप्यूटर खास तौर पर US नेवी के लिए बनाया गया था ।
Mark-1 Computer |
13) EDVAC-(Electronic Discrete Variable Automatic Computer):-यह पहला इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर था जिसे 1944 में बनाया गया था । इसे अमेरिका की Pensilveniya University के इंजीनियरों ने बनाया था । इसे मैरीलैंड में अमेरिकी सेना के बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला के स्थापित होने से पहले बनाया गया था । बाइनरी सीरियल कंप्यूटर के रूप में EDVAC ने लगभग 5.5 kB की सीरियल मेमोरी क्षमता के साथ गणितीय कार्यों को संसाधित किया । यह कुछ माइक्रो सेकण्ड्स में ही calculations को निपटा देता था । यह पहली ऐसी मशीन थी जो पूरी तरह से program को स्टोर करती थी । साथ ही साथ यह पहला ऐसा device था जिसमें computer game को run किया गया था ।
ADVAC Computer |
14) ENIAC Computer:- इसका पुरा नाम Electronic Numerical Integrator and Computer है । इसका आविष्कार JP Eckert और JW Mauchly ने 1943 मे अमेरिकी सेना के कहने पर पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय में इस मशीन का निर्माण किया । इसे औपचारिक रूप से जुलाई 1946 में अमेरिकी सेना आयुध कोर्पोरेशन द्वारा स्वीकार किया गया । यह पहला Electronic Digital Computer था । इसका वजन 30 टन था, 1800 वर्ग फुट जगह लेता था और 17468 Vaccume Tube, 1500 relay, 70000 registance, 10000 Capistor से बना था । इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, स्वचालित ऊर्जा गणना और अन्य वैज्ञानिक उपयोगों के लिए किया जाता था । ENIAC ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसने आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटिंग उद्योग की नींव रखी । किसी भी अन्य मशीन से अधिक, ENIAC ने प्रदर्शित किया कि तत्कालीन उपलब्ध वैक्यूम ट्यूब तकनीक का उपयोग करके उच्च गति वाली डिजिटल कंप्यूटिंग संभव थी ।
PDP-8 Computer |
19) Apple Computer:- इसको स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉजनियक ने 1976 मे Apple का पहला कंप्यूटर बनाया था । इसके तुरन्त बाद Apple-2 का विकास हुआ था । Apple आज दुनिया की प्रमुख कंपनी हैं जो कंप्यूटर और लपटोप बनाती हैं ।
Computer's Motherboard and Its components/Parts
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