Secondary Storage Memory of Computer System (कंप्यूटर सिस्टम की सेकेंडरी स्टोरेज मेमोरी)
Secondary Storage Memory:-
इस मेमोरी का कार्य पर्सनल डेटा, सॉफ्टवेयर डेटा और कंप्यूटर या कंप्यूटिंग devices के सभी data को store करना है । दुसरे शब्दो मे हम कहते है कंप्यूटर या मोबाइल या किसी भी computing device मे जो भी data store किया जाता है वह वास्तव मे इसी मैमोरी मे स्टोर होता है । data कुछ भी हो सकता है जैसे photo, Video, Movie, Songs, Games, Documents आदि । इस मेमोरी की storage capacity बहुत अधिक होती है । इसमें बहुत सारा डेटा आसानी से स्टोर किया जा सकता है ।
कल्पना करें, आपने एक विशेष रिपोर्ट बनाने के लिए कंप्यूटर पर लंबा समय लगाया, इसे पूरा करने के लिए कुछ और घंटों की जरूरत है, जिसे आप अगले दिन कर सकते हैं । तो बिना स्टोरेज डिवाइसिस के उस जगह से दोबारा शुरू करने का सवाल ही नहीं उठता । इसलिए आपको अपना काम सेव करने के लिए सेकेंडरी स्टोरेज और पूरक स्टोरेज की जरूरत है, ताकि इस काम को बाद में शुरू कर सकें और जहां छोड़ा है, वहीं से शुरु कर सकें । Data को स्टोर करके रखने के लिए बहुत सी storage unit हैं जिनमे हम डाटा को स्टोर करके रख सकते हैं । इनमे से कुछ के उदाहरण है जैसे- HDD, SSD, FDD, CD, DVD, MEMORY CARD, PEN DRIVE इत्यादि ।
1) HDD-Hard Disk Drive:-
इसका पुरा नाम हार्ड डिस्क ड्राइव है । यह एक स्टोरेज डिवाइस होती है जिसमें एक या एक से अधिक Disc होती हैं जो Data, Instructions व Information को स्टोर करने के लिए चुंबकीय कणों (Magnetic Particales) का इस्तेमाल करती है । प्रत्येक Disk या plate में दो सिरे (read and write) होते हैं । इनमें से प्रत्येक प्लेटर और उसके किनारे में tracks की संख्या समान होती है और track की वह स्थिति जो सभी platters को विभाजित करती है, cylinder कहलाती है । सभी कंप्यूटरों और नोट बुक में कम से कम एक HDD यानी हार्ड डिस्क ड्राइव जरूर होती है ।
HDD-Hard Disk Drive |
2) Solid State Drive-SSD:-
यह कम्प्यूटर की मुख्य और स्थायी स्टोरेज यूनिट है । इसे Secondary storage memory भी कहा जाता है । यह HDD का न्यू टेक्नोलॉजी based लेटेस्ट Version है जिसमे डाटा, disk मे स्टोर ना होकर इसमे दी गई Chips पर स्टोर होता है । यह तकनीक तेजी से प्रयोग होती जा रही हैं । इसकी processing speed भी बहुत ज्यादा है । इसमें Data और Programs की काफी मात्रा भर सकते है । जब पर्सनल कम्प्यूटर(PC) को बन्द कर देते हैं तो इसमें Save Data समाप्त नहीं होते, बल्कि जब तक हम इन्हें हटाने के निर्देश नहीं देते अर्थात Delete नहीं करते तब तक ये SSD में ही भरे रहते हैं ।
3) External Hard Disk Drive (बाह्य हार्ड डिस्क ड्राइव):-
एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव भी इंटरनल हार्ड ड्राइव की तरह होती है जो कंप्यूटर से जोड़ी जा सकती हैं। कहने का तात्पर्य है कि एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव एक तरह की हार्ड ड्राइव है जिसे कंप्यूटर से USB 2.0 Firewire-400 और E-SATA द्वारा आसानी से जोड़ा जा सकता है । एक्सटर्नल हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता 4 जीबी और इससे अधिक हो सकती है ।
4) Floppy Disk Drive-FDD:-
प्रत्येक फ्लॉपी डिस्क चलाने के लिए एक फ्लॉपी डिस्क ड्राइव होती हैं जो सीपीयू के अन्दर लगी होती हैं । आजकल वैसे ये Device बन्द हो चुकी है । लेकिन पेन ड्राइव आने से पहले ये काफी ज्यादा उपयोग की जाती थी । Floppy एक प्लास्टिक की चकोर डिस्क होती थी जो 3 1/2 व 5 1/4 इन्च के साईज मे उप्लब्ध थी । इनकी डाटा स्टोरज क्षमता 1.44 MB व 2.88 MB थी जो काफी कम थी । इसके बन्द होने का ये भी एक मुख्य कारण था ।
5) ZIP Drive (जिप ड्राइव):-
ZIP Drive भी एक secondary storage memory device हैं जो FDD का ही advance version था । ज़िप डिस्क का आकार 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क के समान होता है । ज़िप डिस्क का इस्तेमाल करने के लिए एक विशेष ड्राइव की आवश्यकता होती है जिसे Zip Disk Drive कहते हैं । ज़िप ड्राइव की परिभाषा एक अलग मशीन है जिसे कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है । ZIP Disk को इसमें डाल दिया जा सकता था और बड़ी मात्रा में जानकारी को store या Backup के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता था । यह 100 MB से लेकर 750 MB storage capacity में उपलब्ध थी और बड़ी मात्रा में डेटा को store, Share और Backup करने के लिए उपयोग किए जाते थे, जो सामान्य फ्लॉपी डिस्क के साथ संभव नहीं था । आजकल इसका प्रयोग भी बन्द हो चुका हैं ।
6) CD-ROM (सीडी-रोम):-
CD का पुरा नाम Compact Disc है । यह भी एक secondary storage device है । इसकी storage capacity 700 MB होती हैं । CD में स्टोर इन्फोर्मेशंस read करने वाला डिवाइस सीडी-रोम ड्राइव है । ज्यादातर सीडी-रोम ड्राइव सिस्टम यूनिट के अंदर स्थित होती हैं । आप अक्सर सीडी ड्राइव पर एक नंबर जैसे 16x, 40x या 52x देखते होंगे । सामान्य तौर पर इसका मतलब ड्राइव की स्पीड से होता है । ज्यादा नंबर का मतलब ज्यादा फास्ट ड्राइव । X का मतलब है कि ओरिजनल सीडी स्टैंडर्ड के मुकाबले ड्राइव का ट्रांसफर रेट कितने गुना ज्यादा है । CD दो प्रकार की CD-R और CD-RW होती हैं ।
7) DVD-ROM (डीवीडी-रोम):-
DVD का पुरा नाम Digital Verstile Disc है । इसकी storage capacity 4.7 GB यानी 4 GB 700MB हैं । इस DVD disk मे स्टोर information को DVD-ROM Drive के द्वारा read किया जाता है । Read Only का मतलब है कि Disc में स्टोर information को बदला नहीं जा सकता है । DVD-Rom Disc साइज और शेप CD-Rom Disc के समान होती है, लेकिन DVD मे बहुत ज्यादा information store की जा सकती हैं । DVD भी दो प्रकार की DVD-R और DVD-RW होती हैं ।
8) Flash/Pen Drive (फ्लैश या पेन ड्राइव):-
Flash Drive और Pen Drive कंप्यूटर storage का newest form (रूप) है । इन डिवाइसों को कंप्यूटर के USB Port से जोड़ा जा सकता है । USB Flash Drive के द्वारा user Documents, Photos, Music और Video को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर आसानी से transfer कर सकता है । Pen Drive का सबसे अधिक लाभ यह है कि इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, क्योंकि यह बहुत छोटी और हल्की होती है । इसकी क्षमता 1 GB से 128 GB तक होती है और डाटा को तेजी से Transfer कर सकती है । इसके कई version मार्किट मे उप्लब्ध हैं जैसे- USB 1.0, 2.0, 2.1, 3.0, 3.1 etc । यह दो प्रकार की होती है । 1) USB- UNIVERSAL SERIAL BUS 2) OTG- ON THE GO ।
9) Memory/Chip Card(मैमोरी या चिप कार्ड):-
यह भी एक secondary storage device है जिसका उपयोग Mobile phone, Digital Camera इत्यादि मे data को स्टोर करने के लिए किया जाता है । यह एक साईज मे बिल्कुल छोटा सा डिवाइस होता हैं । यह विभिन्न storage size मे उपलब्ध होती है जैसे:- 1GB, 2GB, 4GB, 8GB, 16GB, 32GB, 64GB, 128GB, 256GB ।
10) Smart Card (स्मार्ट कार्ड):-
Smart Card, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की तरह प्लास्टिक के कार्ड होते हैं और इनमें Microchip के रूप में बड़ी मात्रा में information होती है । स्मार्ट कार्ड Magnetic strip card से दो तरीके से अलग होते हैं । पहला इनमें बड़ी मात्रा में information को store किया जा सकता है और दूसरा यह कि इनमें डाटा को re-arrange (पुन: व्यवस्थित), Delete और Add (जोड़ना) आसानी से किया जा सकता है ।
Smart Card |
11) Cloud Storage (क्लाउड स्टोरेज):-
यह एक इंटरनेट सेवा (internet service) है जो कंप्यूटर User को Data Storage उपलब्ध कराती है । कई Service Providers हैं जो शुल्क लेकर और बिना शुल्क के भी विभिन्न प्रकार के storage उपलब्ध कराते हैं । इनमें से कुछ विशिष्ट प्रकार की files जैसे photo और E-mail आदि के लिए ही storage उपलब्ध कराते हैं जबकि कुछ किसी भी प्रकार की files के लिए storage उपलब्ध कराते हैं । Storage उपलब्ध कराने वाले कुछ storage providers है जैसे:-Window Live, Google Drive, One Drive, Sky Drive, Flicker, Picasa, You Tube व Facebook इत्यादि ।
12) NAS Server (एन ए एस सर्वर):-
इसका पुरा नाम Network Attached Server है । यह भी कंप्यूटर स्टोरेज का ही दूसरा कॉमन रूप है । NAS सामान्यत: एक तरीका है जो बिजनेस में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर की Files को share करने में इस्तेमाल किया जाता है । यह सामान्यत: Network को Server से जोड़ता है जिसका एकमात्र काम Storage उपलब्ध कराना है । Network से जुड़ा हुआ कोई भी User और Device, NAS Device पर files के साथ काम कर सकता है ।
NAS Server |
इस ब्लॉग के द्वारा आज हमने जाना की Secondary storage memory क्या है और इसमे कौन कौन से मैमोरी डिवाइसो को शामिल किया जाता है ।
Thanks for read my Blog || राज रंगा
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