Generations of Computer System (कंप्यूटर सिस्टम की पीढीया)
Computer Generations:-
Computer के अविष्कार के समय से ही इसकी Technology में विकास करने की श्रृंखला शुरू हो गयी थी, जहां प्रारम्भिक इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर Vaccum Tubes पर आधारित थे, वहीं इसके बाद बने Computers में Transistor ने Vaccum Tubes को Replace कर दिया । इसके बाद Integrated Circuit (IC) Technology का आरंभ हुआ । यह ICs, Transitors से अधिक श्रेष्ठ थीं, IC technology में ही Integration के पैमाने को बढ़ाने पर VLSI Tech nology विकसित हुई, इसी Technology के आधार पर बने Microchip, आज के कम्प्यूटर्स में लगे हुए हैं, इस तरह Computers में use हुइ Technology को आधार बनाते हुए प्रारभिक Electronic Computer से लेकर आज तक के Computers को चार Generation या पीढ़ीयों में बांटा हैं । कम्प्यूटर्स की पांचवी जनरेशन अभी विकसित की जा रही है, यानि की under development है, इस प्रकार Computers की development में कुल पांच पीढ़ीयां या Five Generations हैं । आइये Computer की इन Generations को विस्तार से जानते है:-
1) FIRST GENERATION (प्रथम पीढी):-
इस पीढी के Computer की शुरुआत 1944 से 1954 तक मानी जाती है । इस पीढी के कम्प्यूटरों में Vacuum Tube प्रयोग किए जाते थे । ये कम्प्यूटर बहुत बड़े आकार के होते थे और उन पर Program लिखना बहुत कठिन होता था । इन कांच के बने Vaccum Valves या Vaccum tubes (निर्वात नलिकाओं) से बने प्रारंभिक इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर First Generation Computer कहलाते हैं । ये ऐसी पहली इलेक्ट्रानिक मशीन थे, जो गणनाएं या Calculations कर सकते थे । ये Computer मनुष्य की तुलना में बहुत fast Speed से गणनाएं कर सकते थे ।
इनके निर्माण में हजारों-लाखों निर्वात नलिकाएं (Vaccum Tubes) लगी थीं, जो कि आकार में विधुत वल्ब के जैसी होती थी, जिससे आकार में ये कम्प्यूटर बहुत बड़े हो जाते थे । इनका आकार लगभग एक बड़े कमरे के बराबर था, इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जाया जा सकता था यानि की ये Portable Computer नहीं थे । जिस प्रकार filament या तंतु लगे होने के कारण विधुत बल्ब अधिक गर्म हो जाते हैं, ठीक इसी प्रकार Heating filament होने के कारण Vaccum tube भी बहुत गर्म हो जाते हैं । अत्याधिक गर्म होने पर ये Vaccum tube स्थाई रूप से खराब भी हो जाते थे । इस गरमी या ऊष्मा को निकालने के लिए इन Computers के लिए Air Conditioning बेहद जरूरी थी । इन कंप्यूटरों मे Machine Languge का प्रयोग होता था । ये computer बहुत अधिक मंहगें भी होते थे और ये ज्यादा उपयोगी भी नहीं थे । जल्दी-जल्दी खराब होने एवं उपयोग करने में बहुत कठिन होने के कारण ये सुविधा जनक भी नहीं थे । इस Generation के कंप्यूटरों के उदहारण:-ENIAC, EDVAC, UNIVAC, IBM-701, and IBM-650 ।
2) SECOND GENERATION (दुसरी पीढ़ी):-
इस पीढी के Computer की शुरुआत 1955 से 1964 तक मानी जाती है । इस पीढी की शुरुआत Transistor के आविष्कार के साथ शुरु होती हैं । Transistor वे सभी कार्य कर सकते हैं जो Vaccum tube कर सकती है, लेकिन Transistor, निर्वात नली से आकार में छोटे, ठोस एवं Performance में बहुत अच्छे होते थे, इसलिए Second Generation, Computers में निर्वात नली के स्थान पर Transistor का use किया गया था । इस प्रकार सभी Transistor पर आधारित Computers सम्मिलित रुप से second generations computer कहलाये । इन कंप्यूटरों मे Assembly Languge का प्रयोग होता था ।
ये Computers, पहली जनरेशन के computers से तकनीकी दृष्टि से बहुत विकसित थे, क्योंकि इनके अवयव ट्रॉजिस्टर Performance तथा Working में Vaccum tubes से बहुत Superior यानी श्रेष्ठ होते थे । ट्रॉजिस्टर का आकार (Size) Vaccum Tube के Size से बहुत छोटा होता है, इसलिए इनसे बने Computers का आकार, पहली जनरेशन के Computers से काफी छोटा हो गया, जिससे ये कुछ हद तक Portable भी हो गये थे । Transistor आधारित improved Technology का use करने के कारण इनकी Calculating Speed भी fast हो गयी थी । Transistor, Vaccum Tubes से श्रेष्ठ होते हैं, Transistor में Vaccum tube की तरह गर्म होने वाला तन्तु या filament नहीं होता, जिससे ये अधिक गर्म नहीं होते, यूं तो जहां भी विधुत धारा बहती है वहां Heat अवश्य उत्पन्न होती है, लेकिन Transistor में यह Heat इतनी अधिक नहीं है या कहें कि tolerable (सहन करने योग्य) होती है ।Second Generation में first Generation के कई दोष दूर हो गये, परन्तु Second Generation के Computers के लिए भी Air Conditioning अनिवार्य थी, क्योंकि इन Computers का मूल अवयव Transistor ताप या temperature के प्रति बहुत संवेदनशील होता है गरम होने पर ट्रॉजिस्टर की working में भी परिवर्तन आ जाता हैं तापक्रम का यह असर Transistors पर या computer पर न पडे इसलिए Air-Conditioning अनिवार्य की गयी थी । इस Generation के कंप्यूटरों के उदहारण:- IBM-1401, IBM-1620, IBM 7094, CDC 1604, CDC 3600, UNIVAC 1108 ।
Second Generation Computers |
3) THIRD GENERATION (तीसरी पीढी):-
इस पीढी के Computer की शुरुआत 1965 से 1974 तक मानी जाती है । ट्रॉजिस्टर आधारित Technology के अत्यन्त सफल होने के बाद इलेक्ट्रानिक्स में, इलेक्ट्रानिक उपकरणों को आकार में छोटा करने का दौर शुरू हुआ । उपकरणों के सूक्ष्म रूप बनाने के लिए शोध किये गये । इसी श्रृंखला में Integrated Circuit (IC) technology का विकास हुआ, IC में सैकड़ो या हजारों transistor वाले Circuits को एक छोटी सी सिलीकॉन चिप की सतह पर उकेरा जाता है । इस प्रकार 'बड़े Circuit Boards का स्थान छोटी IC ने ले लिया ।
IC-Integrated Circuits |
इस IC Technology का use कर बनाये गये Computers, Third Generation Computers कहलाते हैं । IC का Performance बहुत ही Superior होता है तथा IC से संबंधित परेशानियाँ (associated draw-backs) भी न के बराबर हैं, इसलिए Computers में IC का use करने से Third Generation में पिछली दो जनरेशन के अधिकांश दोष समाप्त हो गये थे । इन कंप्यूटरों मे High Level Languge (FORTRAN COBOL, BASIC) का प्रयोग होता था । Third Generation के Computers पिछली दो जनरेशन के Computers से आकार में बहुत छोटे हो गये थे, इस कारण इन्हे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता था या कहें कि ये Portable थे । IC अपने काम में बहुत Superior होती है, इस लिए इन पर आधारित Computers में fault होने की संभावना कम होती है । इस तरह से इन computer पर विश्वास किया जा सकता था कि ये काम करेंगें ही । इस प्रकार ये Computers Reliable थे । Tranistor के स्थान पर IC का use करने से इनमें तकनीकी विकास (Technologiacal Improvement) हुआ जिससे इन Computers की Calculating Speed Fast हो गयी और गणना में लगनेवाला समय जिसे Computation time कहते है, वह भी बहुत कम हो गया । इसके अलावा ये Computers सस्ते तथा उपयोग करने में आसान यानि easy to use भी थे । इस Generation के कंप्यूटर के उदाहरण:- IBM 370, PDP-8,PDP-11, IBM System/360, UNIVAC 1100, Honeywell-6000, DEC series, and ICL 2900, TDC-316, etc ।
3rd Generation Computers |
4) FOURTH GENERATION (चौथी पीढी):-
इस पीढी के Computer की शुरुआत 1975 से 1989 तक मानी जाती है । उतनी ही बड़ी सिलीकॉन चिप में अधिक Components वाले Circuits को समाहित किया जा सके, इसके लिए IC Technology में Integration के पैमाने को बढ़ाया गया । बड़े पैमाने तथा बहुत बड़े पैमाने पर Integration करने की विधियां विकसित की गयी जिन्हे क्रमश: Large Scale Integration (LSI) तथा Very Large Scale Inte gration (VLSI) कहते हैं । LSI तथा VLSI Technology पर आधारित आज के कम्प्यूटर्स को fourth Generation Computers कहा जाता है । इन कंप्यूटरों मे High Level Languge ( Oracle, SQL) का प्रयोग होता था ।
इस Generation में सबसे ज्यादा प्रभाव Size तथा Performance पर पड़ा । इस Generation के Computers आकार में बहुत छोटे बनाये जा सकते हैं जैसे हथेली (Palm) में रखने वाले Palm Top Computers तथा घड़ी के आकार में भी Computer बनाये जा रहें हैं । ये बहुत fast, cheaper, तथा use करने में बहुत आसान हैं । इनसे Calculations ही नहीं विभिन्न प्रकार के काम कराये जा सकते हैं । आज जिन Computers का use सबसे ज्यादा हो रहा है और जिन्हें हम PC(पर्सनल कम्प्यूटर्स) के नाम से जानते हैं वे कम्प्यूटर की इस चौथी पीढ़ी के Computers ही हैं । इन्हें Air Conditioning की जरूरत प्रायः नहीं होती । 4th Generation के कंप्यूटरों के उदाहरण Micral, IBM-5100, CRAY- 1, Apple Macintosh,DEC-10, STAR-1000 और Altair-8800 चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों के बेहतरीन उदाहरण हैं । इसके अलावा, Micral को माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित पहला पर्सनल कंप्यूटर(PC) कहा जाता है । इसे 1973 में विकसित किया गया था और इसमें Intel 8008 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया था ।
4th Generation Computers |
5) FIFTH GENERATION (पाँचवी पीढी):-
इस पीढी के Computer की शुरुआत 1989 से अब तक मानी जाती है । आज हम Computers की पांचवी पीढी में हैं, आज के Computer में यद्यपि पर्याप्त क्षमताएं हैं तथापि उसमें निर्णय लेने की क्षमता जिसे हम बुद्धि या Intelligence कहते हैं, का नितान्त अभाव है, Computer की पांचवी जनरेशन में इसमे कुछ हद तक निर्णय लेने की क्षमता यानि कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) डालने के प्रयास किये जा रहे हैं, Artificial Intelligence का अर्थ यह कदापि नहीं है कि Computer में मानवीय बुद्धि जैसी बुद्धि डाली जा सकती है । इसका तात्पर्य Computer में मानवीय अनुभवों को भरकर उसमें कुछ निर्णय लेने की क्षमता या decision making power को डालना है । Robotics Technology इसी पांचवी पीढी की Technology है ।
ULSI CIRCIIT |
पांचवीं पीढ़ी में, VLSI तकनीक ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक बन गई, जिसके परिणामस्वरूप दस मिलियन इलेक्ट्रॉनिक घटकों वाले माइक्रोप्रोसेसर चिप्स का उत्पादन हुआ । यह पीढ़ी समानांतर प्रोसेसिंग हार्डवेयर और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सॉफ्टवेयर पर आधारित है । इस generation के computers के उदाहरण:- IBM notebooks, Pentium PCs, SUN Workstations, IBM SP/2, SGI Origin 2000, PARAM supercomputers etc है ।
5th Generations Computer |
इस ब्लॉग के द्वारा आज हमने Computer Generations के बारे मे जाना । आशा है कि यह ब्लॉग आप लोगो को पसंद आया होगा ।
Secondary Storage Memory Devices ( दिवितीय स्टोरज मैमोरी डिवाइसज)
Components of Computer Hardware and Software (कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के घटक)
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