10th- IT- Level-2- UNIT- 3- RELATIONAL DATABASE MANAGEMENT SYSTEMS (BASIC)-Session-2, 3 In hindi
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UNIT-3 RELATIONAL DATABASE MANAGEMENT SYSTEMS (BASIC)
Session-2: Create and edit Tables using wizard and SQL Commands in hindi (CBSE) (Or)
Session-2: Create Table using Table Wizard in hindi (HBSE)
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Q.1) LibreOffice Base क्या है? (Imp.)
Ans:- LibreOffice Base एक DBMS software है । यह एक free and open source software (FOSS) है । इसे हम internet से आसानी से download करके use कर सकते है । LibreOffice Base में हम database बना कर किसी भी type का data table की form में store कर सकते है ।
Q.2) LibreOffice Base software को ओपन करने के steps लिखो? (Imp.)
Ans:- LibreOffice Base software को ओपन करने के steps इस प्रकार है:-
1) Start Button पर click करो ।
2) All program पर click करो ।
3) Libre Office पर click करो ।
4) LibreOffice Base पर click करो ।
5) LibreOffice Base open हो जाएगा ।
Q.3) LibreOffice Base में new database create करने के steps लिखो?
Ans:-LibreOffice Base में new database create करने के steps इस प्रकार है:-
1) LibreOffice Base open करो ।
2) आपके सामने database wizard नाम की window खुलेगी ।
3) उस window के first step में next button पर click करो ।
4) Second step में Finish button पर click करो ।
5) फिर save as नाम की window खुलगी ।
6) database को कोई भी नाम देकर save करो।
7) New database create हो जाएगा ।
Q.4) LibreOffice Base में database file की extension क्या होती है? (Imp.)
Ans:- LibreOffice Base में database file की extension ".odb" होती है ।
Q.5) New database में table कैसे create करते है?
Ans:- Tables database के basic building block होते है सारा data tables में ही store होता है । database में table को तीन तरीको से बना सकते है जो इस प्रकार है:-
1) Create Table in Design View के द्वारा ।
2) Create Table in Wizard के द्वारा ।
3) Create Table using SQL Command के द्वारा ।
Q.6) Design View में Table create करने के steps बताओ?
Ans:- Design View में Table create करने के steps इस प्रकार है:-
1) LibreOffice base में database को open करो ।
2) Task window में Create table in design view पर click करो ।
3) Field detail window में field name, type और description type करो ।
4) Save icon पर click करो और table को name दे ।
5) CTRL+Q command से database से बाहर आए ।
6) जब आप दुबारा database open करोगे तो आपको table बना दिखेंगा ।
Q.7) Using wizard से Table create करने के steps बताओ?
Ans:- Using wizard से Table create करने के steps इस प्रकार है:-
1) LibreOffice base में database को open करो ।
2) Task window में "use wizard to create table" पर click करो ।
3) Table wizard window में table category और sample table select करो ।
4) Predefined field में से जो field आपको चाहिए वो select करो ।
5) Next button पर click करो ।
6) Field की information select करो ।
7) Next button पर click करे और primary key select करे ।
8) Next button पर click करे और table को कोई नाम दे ।
9) "Insert data immediately select करो और data enter करो ।
10) Finish button पर click करते ही table बन के open हो जाएगी ।
Q.8) SQL command से table बनाने का syntax क्या है? (Imp.)
Ans:- SQL command से table बनाने का syntax इस प्रकार है:-
Syntax:- "CREATE TABLE TABLE_NAME ("column definitions", Table Parameters);"
for example:- CREATE TABLE "Employee" ("ID" INTEGER," Name "VARCHAR (50),"Department" VARCHAR (50),"Address" VARCHAR (120),"Contact Number" INTEGER);
Q.9) Table में किसी field को Primary Key कैसे Set करते हैं? (Imp.)
Ans:- Table में जिस field को आप primary key key बनाना चाहते हो उस field की Auto Value को yes कर दो । Auto Value yes होते ही उस field के आगे 'key' का symbol बन जाएगा जिस से यह पता चलता है की जिस field के आगे ये symbol है वह primary key है ।
Q.10) LibrOffice Base में कौन-कौन से Data Type का प्रयोग होता है? (M. Imp.)
Ans:- LibreOffice Base में commonly निमिन्तिखित data type प्रयोग होते है जो इस प्रकार है:-
1) Text Data Type:- इस data type में alphabets, Numbers और special character तीनो को combine करके enter कर सकते है जैसे की कोई नाम, PAN Number और Marks, इस तरह के data type पर कोई mathematics calculation नहीं हो सकती ।
2) Numeric Data Type:- इस data type में हम केवल Mathematical Number ही enter कर सकते है ये Number कोई भी integer और real number हो सकते है ।
3) Binary Data Type:- Database में images, sound इत्यादि को store करने के लिए Binary Data type का प्रयोग किया जाता है ।
4) Date Data Type:- Date और Time को store करने के लिय date data type का प्रयोग किया जाता है ।
5) Currency Data Type:- अलग-अलग देशों / Countries money value को store करने के लिए Currency data type का प्रयोग किया जाता है ।
Q11) Numeric Data Type में किस-किस type / प्रकार का डाटा enter कर सकते है?
Ans:- Numeric Data Type में निम्न type / प्रकार का डाटा enter कर सकते है जो इस प्रकार है:-
1) Integer (Int):- Integer data type में हम कोई भी Simple Numeric value store कर सकते है । इसमें value की range -2^31 (-2,147,483,648) to +2^31 (2,147,483,647)" होती है । इस Integer data type को "int" keyword से denote / दृशाया जाता है ।
2) Float:- इसमें हम कोई भी decimal value store कर सकते है जैसे कोई percentage (%) वाली value । इस data type को "float" keyword से denote / दृशाया जाता है ।
3) Boolean:- इसमें हम सिर्फ Yes / No और True / False की values store करते जैसे की 0 और 1, यहां 0- false और 1- True को दर्शाता है ।
Q.12) Text / AlphaNumeric Data Type में किस-किस type का डाटा enter / store कर सकते है?
Ans:- Text / AlphaNumeric Data Type में निम्न प्रकार का डाटा enter / store कर सकते है जो इस प्रकार है:-
1) CHAR:- इसमें हम single character या specific length के लिय alphabets store कर सकते है ।
2) VARCHAR:- इस data type का प्रयोग हम कोई बड़ी strings या group of characters को store करने के लिय करते है ।
3) LONGVARCHAR:- इसमें हम UTF-8 (Unicode Transformation Format–8-bit) character के according maximum length string store कर सकते है ।
Q.13) Binary Data Type में किस-किस type का डाटा enter कर सकते हैं?
Ans:- Binary Data Type में निम्न प्रकार का डाटा enter कर सकते हैं जो इस प्रकार है:-
1) LONGBINARY:- इसमें हम image और sound store करते है. इस data type को "img" keyword से denote किया जाता है ।
2. VARBINARY:- इसमें हम bytes को array में store करते है । इस data type को "binary" keyword से denote किया जाता है ।
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SESSION-3:- PERFORM OPERATIONS ON TABLE in hindi (CBSE & HBSE)
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Q.1) Database में काम करने के लिय कोन-कौन सी Language use होती है? (M.Imp.)
Ans:- Database में काम करने के लिय दो तरह की language use होती है:-
1) DDL:- इसका पूरा नाम Data Definition Language है । Database structure बनाने के लिय इसका प्रयोग किया जाता है । DDL एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग डेटा संरचनाओं को परिभाषित करने और डेटा को संशोधित करने के लिए किया जाता है । उदाहरण के लिए, DDL कमांड का उपयोग database में तालिकाओं (tables) को जोड़ने (add), हटाने (delete) या संशोधित (update) करने के लिए किया जा सकता है ।
2) DML:- इसका पूरा नाम Data Manipulation Language है । Database में Data operation के लिय इसका प्रयोग किया जाता है । कमाण्ड्स (Commands) के एक ऐसे समूह (Set) को परिभाषित करती है, जिनका प्रयोग डेटाबेस ऑब्जेक्ट्स (Database Objects), जैसे- Table, को मॉडिफाई (Modify) करने के लिए किया जाता है ।
Q.2) DDL क्या है?
Ans:- DDL:- Data Definition Language Database structure बनाने के लिय इसका प्रयोग किया जाता है । DDL एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग डेटा संरचनाओं को परिभाषित करने और डेटा को संशोधित करने के लिए किया जाता है । उदाहरण के लिए, DDL कमांड का उपयोग database में तालिकाओं (tables) को जोड़ने (add), हटाने (delete) या संशोधित (update) करने के लिए किया जा सकता है ।
Q3 DDL में कोन-कौन सी Command use होती है? (M. Imp.)
Ans:- DDL में तीन command प्रयोग होती है:-
1) CREATE (क्रिएट) Command ।
2) ALTER (ऑल्टर) Command
3) DROP (ड्रॉप) Command
1) CREATE:- New Database or Table को create करने के लिय इस कमांड का प्रयोग किया जाता है । Syntax:- CREATE DATABASE database_name;
Example:- CREATE DATABASE Emp_enfo;
2) ALTER:- Database or Table में alter या बदलाव करने के लिए इस command का प्रयोग किया जाता है । यानी table की सरंचना को update करने (add/remove field/index etc) के लिए इस command का प्रयोग किया जाता है । एक बार define करने के बाद में table में कुछ properties की value को ALTER command द्वारा change किया जा सकता है ।Syntax:- CREATE DATABASE databasename;
Example:- CREATE DATABASE Emp_enfo;
3) DROP:- Database को delete करने के लिय इस command का प्रयोग किया जाता है । Syntax: DROP DATABASE databasename;
Example: DROP DATABASE MYDB;
Q.4) DML क्या है ?
Ans:- DML:- इसका पूरा नाम Data Manipulation Language है । Database में Data operation के लिय इसका प्रयोग किया जाता है । यह कमाण्ड्स (Commands) के एक ऐसे समूह (Set) को परिभाषित करती है, जिनका प्रयोग हम database में table में काम करने के लिय करते है जैसे की table create करना, data insert, update और delete करना ।
Q.5) DML में कोन-कौन सी command प्रयोग होती है? (V.Imp.)
Ans:- DML में चार command प्रयोग होती है जो इस प्रकार है:-
1) INSERT Command
2) UPDATE Command
3) SELECT Command
4) DELETE Command
1) INSERT Command:- Table में New data enter करने के लिए इस कमांड का प्रयोग किया जाता है । इसका syntax इस प्रकार है:-
Syntax:- INSERT INTO table (column1, column2, column3,...) VALUES (value1, value2, values3,...);
Example:- insert into "Stu_Info" ("ID", "Name", "Roll_no" "DOB" "Class", "Phone", "Email", "Location") values ('5', 'Raj_Ranga' '15', '11-06-1999', '12th', '9992434442', 'raazranga@gmail.com', 'Panipat');
2) UPDATE Command:- Table में Data को edit/update करने के लिय इस command का प्रयोग किया जाता है। इसका syntax इस प्रकार है:-
Syntax:- UPDATE table_name SET column_name value column_name value..] WHERE condition;
Example:- update "Stu_Info" set "Location"='Haryana' where "Roll_no"=15;
3) SELECT Command:- Table में से data को retrieve / show करने के लिय इस कमांड का प्रयोग किया जाता है । इसका Syntax इस प्रकार है:-
Syntax:- SELECT * FROM TABLE_NAME;
Example:- select * from Stu_Info;
4) DELETE Command:- Table में से record/row को delete करने के लिए इस कमांड का प्रयोग किया जाता है । इसका Syntax इस प्रकार है:-
Syntax:- Delete from TABLE_NAME;
Example:- Delete from Stu_Info;
Q.6) DML कितने type की होती है? (V.Imp.)
Ans:-DML दो प्रकार होती है जो इस प्रकार है:-
1) Procedurel:- इसमें user specifies करता है कि उसे कोनसा data चाहिए और कैसे चाहिए ।
2) Non-Procedural:- इसमें user सिर्फ यह specifies करता है की उसे कौन सा डाटा चाहिए । लेकिन उस डाटा को retrieve / प्राप्त करने के लिय user अपना code नहीं ला सकता ।
Q.7) Database में sorting क्या मतलब है? Database में data को sort करने के steps लिखो?
Ans:- Sorting का मतलब होता है data को ascending (बड़ते क्रम में) और descending (घटते क्रम से) में arrange करना है । Database में data को sort करने के steps इस प्रकार है:-
1) जिस Table का data sort करना है उसे open करो ।
2) आपके सामने table data view window खुलेगी ।
3) जिस column के हिसाब से data को sort करना है, उसे select करो ।
4) Format Toolbar window में ascending या descending option पर click करो ।
5) click करते ही data selection के हिसाब से sort हो आएगा ।
Q.8) Database में Referential Integrity का क्या प्रयोग है? (Imp.)
Ans:- जब हम database में दो tables को आपस में relate करते है तो Referential Integrity का प्रयोग डाटा की accuracy / शुद्धता और consistency / संगतता के लिए किया जाता है । LibreOffice Base software में 2 tables के data को primary key और foreign key की मदद से link किया जा सकता है । डाटा को tables में add, delete और change करते समय Referential Integrity यह check करती है कि जिस data में हम काम कर रहे है वह दोनी tables में relate है या नहीं ।
Q.9) Table Relationship क्या है और यह कितने type का होता है? (V.Imp.)
Ans:- दो या दो से जयादा tables को आपस में जोड़ना या link करना ही table relationship कहलाता है, Table Relationship तीन प्रकार का होता है जो इस प्रकार है:-
1) One-to-One Relationship:- इस type के relationship में एक table दूसरे table के साथ, एक primary key के जरिये link होता है । इस relationship में master table के किसी एक specific record के against दुसरे table में एक ही record होगा ।
2) One-to-Many Relationship:- इस relationship में master table के किसी एक specific record के against दुसरे table में एक से ज्यादा record होंगे ।
3) Many-to-Many Relationship:- इस relationship में master table के किसी एक multiple record के against दुसरे table में multiple / ज्यादा record होंगे ।
Q.10) Field Properties का क्या मतलब है?
Ans:- Database में table के अंदर जो field बनाई होती है उनके structure या behavior को field property कहा है जैसे- Field की Auto value, Length & format ।
Q.11) Database में tables को relate करने के क्या advantage है?
Ans:- Database में tables को relate करने के advantage इस प्रकार है:-
1) Relationship tables में data redundancy को रोकते हैं ।
2) Relationship में referential integrity की मदद से missing data को भी search किया जा सकता है ।
3) Relationship tables में invalid data को enter होने से रोकती हैं ।
4) Master table में data edit करने पर transaction table में data automatically reflect हो जाता है ।
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Thanks for read my Blog || राज रंगा
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