10th-(L-2)-Unit-3-Important-Question Answer from-Employability skills - IT/ITes-NSQF & GK

10th-(L-2)-Unit-3-Important-Question Answer from-Employability skills

नमस्कार आप सभी का हमारी वेबसाइट  "https://raazranga.blogspot.com" पर स्वागत हैं । आज हम इस पोस्ट के माध्यम से "Employability Skills || Class-10th || L-2 || Unit-3-Important-Question Answer from- Employability skills" के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे । 


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10th-(L-2)-Unit-3-Important-Question Answer from-Employability skills.

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Q.1) स्कूल में कंप्यूटर फाइल सिस्टम (computer file system) हमारे भौतिक फाइल सिस्टम  (physical file system) के समान कैसे है? 

Ans:- स्कूल में प्रत्येक शिक्षक के पास एक अलग कैबिनेट या अलमारी होती है जहां वे अलग-अलग भागों में विभिन्न छात्रों या कक्षाओं की फाइलें रखते हैं । इसी तरह कंप्यूटर पर डेटा इलेक्ट्रॉनिक फ़ाइलों में स्टोर होती है, जिसे अलग-अलग फ़ोल्डरों में डाला जा सकता है । कम्प्युटर में फ़ाइलों को मैनेज (manage) करना आसान हैं कम्प्युटर में फ़ाइल या फोल्डर को आसानी से Copy, Move, Rename और Delete किया जा सकता है ।

Q.2) कंप्यूटर सिस्टम में Files और Folders क्या है?

Ans:- File (फाइल):- 

                                    कंप्यूटर में कोई भी सूचना (information) को स्टोर करने के लिए सूचना को फ़ाइलों में रखा जाता है विभिन्न प्रकार की फ़ाइलों में विभिन्न प्रकार की सूचना होती है प्रत्येक फाइल को एक नाम दिया जाता है और इस फ़ाइल के नाम में (dot) के बाद फ़ाइल एक्सटेंशन होती है जिस से फ़ाइल के प्रकार का पता चलता है या यह पता चलता है कि यह फ़ाइल किस फ़ाइल की एक्सटेंशन  इसी प्रकार ऑडियो फ़ाइल की .wav, .mp3, विडियो फाइल की .mp4 और फोटो की .jpg इत्यादि होती है । सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन में बनी है या खुलेगी । उदाहरण के लिए notepad में बनी टेक्स्ट .txt होती है ।

Folder (फ़ोल्डर):- 

                            फ़ोल्डर वह स्थान है जहां फ़ाइल या फ़ाइलों के समूह को स्टोर किया जा सकता है एक फ़ोल्डर में फ़ाइल और फ़ोल्डर दोनों स्टोर करके रख सकते हैं ।

Q.3) Ubuntu में एक टेक्स्ट फ़ाइल बनाने के चरण लिखो । 

Ans:- Ubuntu में एक टेक्स्ट फ़ाइल बनाने के चरण इस प्रकार है:-

1) फ़ाइल बनाने के लिए Text Editor खोलते हैं (Text Editor खोलने के लिए Search में Editor टाइप करते हैं।)

2) Text Editor पर डबल क्लिक करते हैं इससे Text Editor में एक खाली (Blank) डॉक्युमेंट खुलता है ।

3) हम इस डॉक्युमेंट में टेक्स्ट टाइपिंग का काम करते हैं ।

4) अपने डॉक्युमेंट को save करने के लिए save ऑप्शन पर क्लिक करते हैं और फ़ाइल को नाम दे कर उसे अपनी इच्छा अनुसार कम्प्युटर सिस्टम में कहीं भी Save कर सकते हैं ।

Q.4) Windows में एक टेक्स्ट फ़ाइल बनाने के चरण लिखो ।

Ans:-Windows में एक टेक्स्ट फ़ाइल बनाने के चरण इस प्रकार है:-

1) फाइल बनाने के लिए Text Editor (Notepad) खोलते हैं (Notepad खोलने के लिए Search में Notepad टाइप करते हैं ।)

2) Notepad पर डबल क्लिक करते हैं इस से Notepad में एक खाली (Blank) डॉक्युमेंट खुलता है ।

3) हम इस डॉक्युमेंट में टेक्स्ट टाइपिंग का काम करते हैं ।

4) अपने डॉक्युमेंट को save करने के लिए save ऑप्शन पर क्लिक करते हैं या कीबोर्ड शॉर्टकट की Control+S press करते है । फ़ाइल को नाम दे कर उसे अपनी इच्छा अनुसार कम्प्युटर सिस्टम में कहीं भी Save कर सकते हैं ।

Q.5) Ubuntu में फ़ोल्डर बनाने के चरण लिखो ।

Ans:- फ़ोल्डर वह स्थान है जहां फाइल या फ़ाइलों के समूह को स्टोर किया जा सकता है । एक फोल्डर में फ़ाइल और फोल्डर दोनों स्टोर करके रख सकते हैं । Ubuntu में फ़ोल्डर बनाने के चरण इस प्रकार है:-

1) उबंटू (Ubuntu) में फाइल एक्सप्लोरर खोलने के लिए, बाई और स्थित फाइल ऑप्शन पर क्लिक करते हैं ।

2) उस जगह का चयन करते हैं जहां फ़ोल्डर बनाना है जैसे कोई ड्राइव (drive) या डेस्कटॉप (Desktop) इत्यादि ।

3) यहाँ माऊस से right क्लिक करते हैं और New Folder ऑप्शन पर क्लिक करते हैं । 

4) अब इस फ़ोल्डर को नाम देते हैं जैसे "Demo" इत्यादि ।

Q.6) कंप्यूटर की देखभाल और रखरखाव का क्या महत्व है?

Ans:- कंप्यूटर एक नाजुक मशीन है इसके बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक भाग होते हैं । हमें इसे धूल और क्षति से बचाने की आवश्यकता होती है । यदि हम इसकी देखभाल नहीं करेंगे, तो यह कुशलता से काम नहीं करेगा । कम्प्युटर की अच्छे से देखभाल करते रहने से हम इसका उपयोग लंबे समय तक कर सकते हैं ।

Q.7) कम्प्युटर उपकरणों की देखभाल के लिए मूल सुझाव दो ।

Ans:- निम्नलिखित तरीकों का पालन करके कंप्यूटर की देखभाल कर सकते हैं उपकरणों को साफ रख कर कम्प्युटर के सभी उपकरणो को अच्छे से साफ रखना चाहिए । तभी कम्प्युटर के सभी उपकरण अच्छे से कार्य करते हैं । कम्प्युटर उपकरणों की देखभाल के लिए मूल सुझाव इस प्रकार है:-

1) Keyboard (कीबोर्ड):- कीबोर्ड को नर्म ब्रश के साथ साफ करना चाहिए । कीबोर्ड के आस पास या कीबोर्ड के ऊपर कोई भी खाने पीने की चीज़ नहीं रखनी चाहिए क्यूँ कि ये चीजें कीबोर्ड पर गिर कर इसके आंतरिक भागों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

 2) Screen (स्क्रीन):- स्क्रीन पर लगे उँगलियों के निशान को हटाने के लिए एक मुलायम कपड़े से स्क्रीन को साफ सकते हैं ।

3) Be careful with food and drinks (खाने पीने का सामान पास ना रखना):- कंप्यूटर के पास कोई भी खाने पीने कि वस्तु नहीं रखनी चाहिए जैसे चाय, कॉफी इत्यादि । इनके उपकरणों पर गिरने से आंतरिक भागों का नुकसान हो सकता है ।

4) Handle devices carefully (उपकरणो का सावधानी से उपयोग):- कम्प्युटर, लैपटाप या अन्य उपकरणों का उपयोग सावधानी से करना चाहिए । इन उपकरणों को कहीं भी जोर से नहीं रखना चाहिए या इन पर कोई अन्य भारी सामान नहीं रखना चाहिए । क्यूँ कि ऐसा करने से इनकी स्क्रीन टूट सकती है ।

5) Keep the computer cool (कम्प्युटर को ठंडा रखना):- कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल इत्यादि डिवाइस गर्म हो सकते है जिससे इनके आंतरिक भाग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं इसलिए डिवाइस को कभी भी धूप में या बंद कार में नहीं छोड़ना चाहिए । लैपटाप का उपयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि CPU fan को cover नहीं करना चाहिए । इससे भी कम्प्युटर गर्म हो कर खराब हो सकता है।

6) Do not overcharge your battery (बैटरी ओवर चार्ज नहीं करनी चाहिए):- लैपटाप या मोबाइल कि बैटरी को 100% चार्ज करने के बाद डिसकनैक्ट कर देना चाहिए । ओवर चार्जिंग करने से बैटरी गर्म हो कर खराब हो सकती है ।

7) Always plug in devices carefully (हमेशा उपकरणों में ध्यान से प्लग करना चाहिए):- कम्प्युटर या लैपटाप के साथ कोई भी डिवाइस जैसे माऊस, हैडफोन इत्यादि बहुत आराम कनैक्ट करने चाहिए । जोर से डिवाइस को कनैक्ट करने से ports या डिवाइस टूट सकती है या खराब हो सकती है

8) Do not run too many programs at a time (एक समय में बहुत सारे प्रोग्राम नहीं चलाने चाहिए):- कम्प्युटर या लैपटाप में एक समय में बहुत सारे प्रोग्राम नहीं चलाने चाहिए इस से सिस्टम कि गति धीमी हो जाती है एक समय में वही प्रोग्राम चलाने चाहिए जिनकी जरूरत है ।

Q.8) कंप्यूटर की कितनी प्रकार से Maintenance (रख रखाव) की जा सकती है?

Ans:- कम्प्युटर को लंबे समय तक ठीक रखने के लिए एक रख रखाव सूची (Maintenance  Schedule) बनानी चाहिए ।

1) Daily Maintenance (दैनिक रख रखाव):-

a) अपने ई-मेल इनबॉक्स को साफ़ करना ।

b) ईमेल अटैचमेंट को डाउनलोड करके उचित फोल्डर में रखना ।

2) Weekly Maintenance (साप्ताहिक रख रखाव):-

a) कीबोर्ड साफ करना ।

b) मॉनिटर साफ करना ।

c) CPU और प्रिंटर की इसटिंग करना ।

d) अपने डाटा का एक्सटर्नल ड्राइव में बैकप लेना ।

3) Monthiy Maintenance (मासिक रख रखाव):-

a) फोटो को कंप्यूटर पर डालना और ड्राइव से हटा देना ।

b) फोटो को फोल्डर या एल्बम में व्यवस्थित करना ।

c) डाउनलोड फ़ोल्डर को साफ करना ।

d) जिन प्रोग्राम या एप्लिकेशन की जरूरत नहीं उन्हें अनइंस्टॉल करना ।

e) डिस्क क्लीनर सॉफ्टवेयर चलाना ।

f) फुल सिस्टम वायरस स्कैन चलाना ।

4) Yearly / Annual Maintenance (वार्षिक रखरखाव):-

a) सोशल मीडिया खाती (Accounts) पर कांटैक्ट (Contact) लिस्ट को साफ करना ।

b) ईमेल कांटैक्ट लिस्ट साफ करना ।

c) ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करना ।

d) एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर की एक्सपाईरी और रिन्यू की जांच करना ।

Q.9) बैकअप (Backup) का क्या अर्थ है बैकअप लेना क्यूँ आवश्यक है?

Ans:- डाटा बैकअप का मतलब कंप्यूटर पर मौजूद जानकारी को किसी अन्य डिवाइस पर स्टोर करना है, जैसे कि सीडी, डीवीडी, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव इत्यादि यदि कंप्यूटर पूरी तरह से काम करना बंद कर दे तो यहां से डेटा रिकवर किया जा सकता है । बैकअप लेना बहुत आवश्यक है । कंप्यूटर दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं, मनुष्य गलती कर सकते हैं और प्राकृतिक आपदाएं, जैसे बाढ़ हो सकती हैं । इसलिए, कंपनियों, अस्पतालों, बैंकों आदि के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें ताकि उनका व्यवसाय सुचारू रूप से कार्य कर सके और उनके ग्राहकों को समस्याओं का सामना न करना पड़े ।

Q.10) एंटी-वायरस क्या है? यह कम्प्युटर के लिए क्यूँ आवश्यक है?

Ans:- कभी कभी कम्प्युटर में वायरस किसी प्रोग्राम या इंटरनेट के माध्यम से प्रवेश कर जाता है और कम्प्युटर में रखे डेटा को प्रभावित कर सकता है कम्प्युटर और डेटा को वायरस से बचाने के लिए कम्प्युटर में एंटी-वायरस इन्स्टाल किया जाता है यह किसी भी वायरस को प्रवेश करने से रोकेगा और डेटा को प्रभावित करने से पहले हमारे सिस्टम में प्रवेश करने वाले किसी भी वायरस को भी साफ करेगा ।

Q.11) कम्प्यूटर की परफॉर्मेस कैसे बढ़ा सकते हैं?

Ans:- कम्प्यूटर के लंबे समय के उपयोग से इसमें बहुत सारी अनावश्यक फाइलें और डेटा बन जाता है जिसे टेंपरेरी फ़ाइल (temporary files) कहते हैं जब यह फाइलें कम्प्युटर में बहुत मैं अधिक जगह ले लेती है तो कम्प्युटर की परफॉर्मेंस कम हो जाती है इसलिए अतिरिक्त अनावश्यक फ़ाइलों को हटाना चाहिए । कुछ डिस्क क्लीनर सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अनावश्यक फाइलों को साफ करने में मदद मिलती है ।

Q.12) स्पैम (SPAM) क्या है?

Ans:- कभी-कभी हमें उन कंपनियों से मेल प्राप्त होती है जो किसी वस्तु का विज्ञापन करते हैं या अपनी वेबसाइट पर आकर्षित करने की कोशिश करते हैं । ऐसी मेल को SPAM कहा जाता है । कभी भी स्पैम का जवाब नहीं देना चाहिए और इसे नियमित रूप से डिलीट करना चाहिए । अधिकांश ईमेलस सैटिंग में ईमेल फिल्टर की ऑप्शन होती है और स्पैम का अलग से फोल्डर भी होता है ।

Q.13) कंप्यूटर की और डेटा की सुरक्षा (Security) क्यूँ आवश्यक है?

Ans:- दैनिक जीवन में हम कंप्यूटर में बहुत सारी जानकारी स्टोर करते हैं उदाहरण के लिए मोबाइल फोन से फोटो और कॉनटैकट स्कूल के कम्प्युटर में स्टूडेंट्स और उनके माता पिता की व्यक्तिगत जानकारी रखी जाती है । बैंकों में ग्राहकों की वित्तीय जानकारी राखी जाती है । इस प्रकार की जानकारी के खो जाने, चोरी हो जाने या लीक होने से डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है और इन लोगों का नुकसान हो सकता है जैसे कई लोगों के बैंक के खातों से पैसे चोरी हो सकते हैं इसलिए, कंप्यूटर और उसके डेटा को सुरक्षित रखना आवश्यक है ।

Q.14) कम्प्युटर सुरक्षा (Security) क्या है?

Ans:- कम्प्युटर में रखी जानकारी (डाटा) बहुत महत्वपूर्ण है जानकारी छोरी होने से बहुत नुकसान हो सकता है इसलिए कम्प्युटर और उसके डेटा को चोरी होने से या गलत हाथ से बचाना कम्प्युटर सुरक्षा (Security) कहलता है ।

Q.15) कम्प्युटर सुरक्षा (Security) किन कारणों से टूट सकती है?                  (OR) 

कंप्यूटर सिक्योरिटी ब्रेक के कारणों का वर्णन करो?

Ans:-कम्प्युटर से डेटा का लीक होना या चोरी होना सिक्योरिटी ब्रेक कहलता है । व्यक्तिगत जानकारी दो तरीकों से खो या लीक हो सकती है:-

1) जब हम इंटरनेट पर व्यक्तिगत जानकारी देते समय सावधान नहीं रहते । उदाहरण के लिए, हम असुरक्षित साइटों पर अपने खाते का विवरण और पासवर्ड साझा करते हैं । 

2) कोई भी व्यक्ति उस समय हमारे कम्प्युटर पर कार्य कर सकता है या डेटा चुरा सकता है यदि हम अपने कम्प्युटर को लॉगआउट किए बिना कहीं चले जाएँ । ऐसा किसी ऑफिस में संभव हो सकता है ।

Q.16) कम्प्युटर सिस्टम में चोरी कितने प्रकार से हो सकती है?

Ans:-चोरी का अर्थ है सूचना या हार्डवेयर की चोरी। यह तीन प्रकार की हो सकती है:-

1) Physical (भौतिक):- जब कोई व्यक्ति आपका डेस्कटॉप कंप्यूटर या लैपटॉप चुरा सकता है ।

2) Identity (पहचान ):- जब एक हैकर हमारी व्यक्तिगत जानकारी चुरा लेता है और हमारी पहचान को अपनी पहचान बना लेता है । इस प्रकार पहचान का उपयोग करके हैकर लाभ प्राप्त कर सकता है हमारे खाते की जानकारी तक पहुँच सकता है । 

3) Software Piracy (सॉफ्टवेयर पाइरेसी):- यह सॉफ्टवेयर की चोरी है इसमें कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर की बिना लाइसेंस और अनधिकृत कॉपी बनाना या बांटना शामिल है ।

Q.17) वायरस (Virus) क्या है? वर्णन करो ।

Ans:- Virus (वायरस):- वायरस एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो डेटा और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को नुकसान पहुंचा सकता हैं या कंप्यूटर में स्टोर डाटा को चुरा सकता हैं । वोर्म्स (Worms) और ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) वायरस के प्रमुख प्रकार हैं ।

a) Worms (वॉर्म्स):- इस प्रकार के वायरस कम्प्युटर में आने के बाद अपने आप को संख्या में बढ़ते रहते हैं और फाइलों में फैल कर उन्हें नष्ट करते रहते हैं फाइलों से इन्हे निकालना मुश्किल हो जाता है ।

b) Trojan Horse (ट्रोजन हॉर्स) ट्रोजन हॉर्स एक उपयोगी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम प्रतीत होता है, लेकिन एक बार जब यह कंप्यूटर में पहुँच जाता है तो यह वायरस की तरह व्यवहार करता है और डेटा नष्ट करना शुरू कर देता है ।

Q.18) कम्प्युटर सिस्टम में थ्रेट्स (Threats) क्या है?

Ans:- थ्रेट्स (Threats) वे तरीके हैं जिनसे हमारे कम्प्युटर से पर्सनल डेटा हमें बिना सूचित किए निकाला जा सकता है या एक ऐसा प्रोग्राम जिसके पास सिस्टम से डेटा चुराने और कम्प्युटर खराब करने की क्षमता मौजूद होती है । 

1) Theft (चोरी):- चोरी का अर्थ है सूचना या हार्डवेयर की चौरी । इसके तीन प्रकार की हो सकती है:-

a) Physical (भौतिक)

b) Identity (पहचान )

c) Software Piracy (सॉफ्टवेयर पाइरेसी)

2) Virus (वायरस):- वायरस एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो डेटा और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को नुकसान पहुंचा सकता हैं या कंप्यूटर में स्टोर डाटा को चुरा सकता हैं । वोर्म्स (Worms) और ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) वायरस के प्रमुख प्रकार हैं ।

3) Online Predator (ऑनलाइन चोरी करने वाले):- ऑनलाइन प्रेडटर वो लोग होते हैं जो इंटरनेट पर दोस्त बना कर गैर कानूनी काम करते हैं जैसे चोरी और धोखाधड़ी । ये लोग उम्र में बड़े भी हो सकते हैं ।

4) Internet Scams (इंटरनेट घोटाले):- इंटरनेट पर कई बार बहुत आकर्षक मेल मिलती है कि आपने लॉटरी में बहुत बड़ा पैसा जीता है और कुछ प्रोसेसिंग फीस जमा करवा कर लॉटरी का amount क्लेम कर सकते हैं amount क्लेम करने के लिए जब हम डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो पैसे तो खो ही देते हैं और उसके बाद भी कार्ड और खाते की जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है।

Q.19) डेटा की सुरक्षा के लिए विभिन्न तरीकों का वर्णन करो । 

Ans:- डेटा को चोरी और वायरस से बचाने के लिए हम निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:-

1) Use passwords to login to your computer (कंप्यूटर पर लॉगिन करने के लिए पासवर्ड का उपयोग):-

                                     ऐसे पासवर्ड का उपयोग करना चाहिए जिसका अनुमान लगाना मुश्किल हो । पासवर्ड में स्माल और कैपिटल अल्फाबेट (abc और ABC), नंबर (123) और स्पेशल फ्रैकटर (#$%&@! ) का प्रयोग अवश्य करना चाहिए । ऐसे पासवर्ड को हैक करना मुश्किल है ।

2) Install Anti-virus and Firewall (एंटि-वायरस और फ़ायरवॉल इन्स्टाल करना):-

                               एंटी-वायरस और फ़ायरवॉल कंप्यूटर के अंदर और बाहर आने जाने वाले डेटा की  निगरानी करते हैं और वायरस को प्रवेश करने से रोकते हैं । एंटी-वायरस उस वायरस का पता लगा सकता हैं जो कंप्यूटर में प्रवेश कर चुका हैं । और साफ उसे कर सकता हैं ।

3) Encrypt Data (एन्क्रिप्ट डेटा):-

                         इस प्रोसैस में डाटा को readable फोर्म से unreadable फोर्म में परिवर्तित होता है । आमतौर पर बैंकों और कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है जिसमें ग्राहकों की महत्वपूर्ण जानकारी स्टोर होती है । इसका उपयोग करने से कोई भी अनधिकृत व्यक्ति डाटा का उपयोग नहीं सकता ।

4) Secure sites (सुरक्षित साइटें):- क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते का विवरण केवल सुरक्षित साइटों पर देना चाहिए । ब्राउज़र के एड्रेस बार में यह देखना चाहिए कि साइट का पता https: // और लॉक सिंबल से शुरू हो रहा है, यदि ऐसा है तो क्रेडिट कार्ड और बैंक का विवरण देना सुरक्षित है ।

Q.20) ICT क्या है?

Ans:- ICT (Information and Communication Technology) (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी):-

                                ICT से तात्पर्य सभी तरीकों और उपकरणों से संबंधित है जो डेटा को रिकॉर्ड करते हैं स्टोर करते हैं और डिजिटल इन्फॉर्मेशन भेजते हैं । जब इन्फॉर्मेशन (सूचना) को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर रिकॉर्ड और स्टोर किया जाता है, तो यह डिजिटल रूप लेती है । टैबलेट, स्मार्टफोन और लैपटॉप इत्यादि ICT डिवाइस है ।

Q.21) ICT Skill किस प्रकार हमारे लिए सहायक है?

Ans:- ICT Skill हमे संवाद (Communication) करने, अपना व्यवसाय चलाने और हमारे परिवार और दोस्तों के साथ जुड़े रहने में मदद करती है । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को ICT Skill प्राप्त करने और नवीनतम सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन (ऐप) के साथ अपडेट रहना चाहिए ।

Q.22) Computer (कंप्यूटर) क्या है?

Ans:- कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है । कंप्यूटर प्रणाली में दो मुख्य भाग होते हैं:- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ।

1) हार्डवेयर:- कंप्यूटर के भौतिक भागो को हम देख और छू सकते हैं उसे हार्डवेयर कहते हैं जैसे:-कीबोर्ड, माऊस, मॉनिटर, सीपीयू आदि । 

2) सॉफ्टवेयर:- कंप्यूटर के इस भाग को देख और छू नहीं सकते लेकिन सॉफ्टवेयर कंप्यूटर हार्डवेयर को हमारी इच्छा अनुसार कार्य करवाता है जैसे मॉनिटर एक हार्डवेयर डिवाइस है लेकिन जब हम एक प्रोग्राम स्टार्ट करते हैं जैसे game जो की मॉनिटर पर दिखाई देती है यह सॉफ्टवेयर द्वारा दिखाई देती है । बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर काम नहीं कर सकता । हम अपने दैनिक जीवन में मोबाइल फोन, स्मार्ट फोन और टैब्लेट का प्रयोग करते हैं ये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के साथ कंप्यूटर सिस्टम ही हैं और आकार में छोटे हैं ।

Q.23) Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम) क्या है?

Ans:- Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम):-

                     यह वह सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर को स्विच ऑन करते ही काम शुरू कर देता है यह मॉनिटर पर डेस्कटॉप दिखाता है । Linux, Microsoft Windows, Mac OS इत्यादि लैपटाप और डेस्कटॉप के ऑपरेटिंग सिस्टम हैं । इसी प्रकार मोबाइल डिवाइस में भी एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो उन्हें कार्य करने में मदद करता है जैसे Apple ios, Google Android इत्यादि ।

Q.24) Software Programs (सॉफ्टवेयर प्रोग्राम) क्या है? 

Ans:- Software Programs (सॉफ्टवेयर प्रोग्राम) वे सभी कंप्यूटर एप्लीकेशन प्रोग्राम जिनके द्वारा है कंप्यूटर पर काम कर पाते है सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कहलाते है । एप्लिकेशनस जैसे:- ब्राउजर, गेम, ऑफिस टूल्स, आदि भी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो विशेष कार्य करते हैं ।

Q.25) कम्प्युटर को शुरू करने के चरण लिखो ।

Ans:- कम्प्युटर को शुरू करने के चरण इस प्रकार है:-

1) Power on Self-Test (POST) starts (पावर ऑन सेल्फ-टेस्ट (POST) शुरू होता है ।) 

2) Operating system starts (ऑपरेटिंग सिस्टम शुरू होता है ।)

3) Welcome screen appears (Welcome स्क्रीन दिखाई देती है ।)

4) Login screen appears (लॉगिन स्क्रीन दिखाई देती है ।) 

5) Desktop appears after login (लोगिन के बाद डेस्कटॉप दिखाई देता है ।)

Q.26) जब कम्प्युटर शुरू होता है तो कौन सा बेसिक फंकशन परफॉर्म करता है?

Ans:- कम्प्यूटर ऑन करने के बाद एक बेसिक प्रोग्राम चलाता है जिसे BIOS (बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम) कहते हैं कम्प्यूटर ऑन करते ही यह कार्य शुरू करता है । Bios सबसे पहले एक Self test करता है जिस से यह पता चलता है कि सिस्टम ठीक है और BIOS ऑपरेटिंग सिस्टम (Linux, Microsoft Windows, Unix) को लोड करता है ।

Q.27) कम्प्युटर Login (मॉगइन) और Logout (लॉगआउट) क्या है?

Ans:- जिस प्रकार हम अपने जरूरी सामान को अलमारी में बंद रखते हैं उसी प्रकार अपने कम्प्युटर को बंद रखना जरूरी है ताकि कोई अंजान व्यक्ति हमारी अनुमति के बिना हमारे सामान था जानकारी को देख या परिवर्तित न कर सके। इसके लिए कम्प्यूटर को User ID और password से लॉक किया जा सकता है । सही User ID और Password डालने से ही कम्प्यूटर में अपना डेटा देखा जा सकता है और उस पर काम किया जा सकता है । अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड के साथ कंप्यूटर पर लॉगिन करते हैं और काम खतम होने के बाद उसे लॉगआउट या साइन आउट किया जाता है । जिसे कम्प्यूटर दोबारा लॉक हो जाता है ।

Q.28) कम्प्युटर में शट डाउन (Shutdown ) से क्या अभिप्राय है?

Ans:- जब कम्प्युटर मे डेस्कटॉप पर Shutdown पर क्लिक करते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम सभी एप्लिकेशन को बंद कर देता है और कंप्यूटर को भी बंद कर देता है ।

Q.29) कीबोर्ड (Keyboard) क्या है? कीबोर्ड पर विभिन्न प्रकार की keys का वर्णन करो।

Ans:- कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस है इसका उपयोग कंप्यूटर में टेक्स्ट नंबर और कमांड टाइप करने के लिए किया जाता है । कीबोर्ड पर विभिन्न प्रकार की keys होती हैं जो इस प्रकार है:-

1) Function Keys (फक्शन कीज):-यह कीबोर्ड में सबसे ऊपर होती है । ये F1से F12 तक 12 keys होती है । Function Keys का उपयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है । इनका हर प्रोग्राम में अलग कार्य होता है अधिकांश एप्लिकेशन या प्रोग्राम में F1 key का उपयोग उस प्रोग्रम या एप्लिकेशन की Help के लिए किया जाता है । 

2) Control keys (कंट्रोल कीज़):- इन keys को अकेले या अन्य keys के साथ कोई निश्चित कार्य करने में इस्तेमाल किया जाता है । एक सामान्य Keyboard में अधिकतर Ctrl, Alt, Esc, Caps Lock, Spacebar, Esc keys का उपयोग Control keys के रूप में किया जाता है ।

3) Enter key (एंटर की):- Enter key का प्रयोग टेक्स्ट टाइप करते समय नई लाइन में जाने के लिए या नई लाइन ही शुरुवात करने के लिए करते हैं । कुछ प्रोग्राम या एप्लिकेशनस में इसका उपयोग कमांड भेजने और कंप्यूटर पर किसी कार्य की पुष्टि (Confirm करने के लिए किया जाता है ।

4) Punctuation keys (पंक्चुएशन कीज़):- पंक्चुएशन कीज का प्रयोग पक्यूएशन मार्क(Mark) लगाने के लिए किया जाता है जैसे colon (कॉलन) ( : ) semicolon (सेमीकोलन) ( ; ), question mark (प्रश्न चिन्ह )( ? ), single quotation marks (सिंगल कोटेशन मार्क) ( ' ), and double quotation marks (डबल कोटेशन मार्क) ( " ) इत्यादि ।

5) Navigation keys (नैविगेशन कील):- arrow keys, HOME, END, PAGE UP और PAGE DOWN नैविगेशन की है यह एक डॉक्युमेंट में ऊपर और नीचे, दाएं और बाएं move करने के लिए उपयोग की जाती है । Home और End कीज़ कर्सर को पेज की एक पंक्ति (Line) के बाएँ दायें छोर पर से जाती है । PAGE UP और PAGE DOWN की एक पेज को ऊपर और एक पेज को नीचे ले जाने के लिए उपयोग की जाती है ।

6) Command keys (कमांड कीज़):- INSERT (INS), DELETE (DEL) और BACKSPACE कमांड की है । जब INSERT की ऑन करते हैं तो कसर के दाई और के टेक्स्ट को ओवर राइट करता है DELETE की और BACKSPACE की का उपयोग कर्सर के दाई और बाई और स्थित टाइप किए टेक्स्ट और अन्य ऑब्जेक्ट को डॉक्युमेंट से निकालने के लिए किया जाता है । 

7) Windows key (विंडोज की):- विंडो की दबाने से स्टार्ट मेनू खुल जाता है ।

Q.30) Mouse (माऊस) के क्या उपयोग है?

Ans:- माऊस एक इनपुट डिवाइस है इसे pointer डिवाइस भी कहते हैं । कंप्यूटर के स्क्रीन के पॉइंटर या कर्सर को कंट्रोल करता है । इस पॉइंटर के जरिये हम कंप्यूटर के अंदर files, folders और दूसरे सभी ऑप्शन को खोलने, बंद करने, और drag drop करने का कार्य करते हैं ।

1) Roll Over or Hover:- कुछ कार्यों में माऊस का उपयोग रोलिंग या कर्सर को घुमाने के लिए किया जाता है । जब हम माऊस कर्सर को किसी फाइल पर रखते हैं तो यह उस फाइल का विवरण दिखाता है ।

2) Point and Click:- जब हम माउस को माउस पैड पर घुमाते हैं तो एक पॉइंटर स्क्रीन पर समान रूप से चलता है । माउस स्क्रीन पर एक आइटम का चयन करने की अनुमति देता है । जब हम किसी विशेष फाइल पर क्लिक करते हैं तो वह चयनित हो जाती है ।

3) Drag and Drop:- किसी फाइल या फोल्डर को move करने के लिए माऊस कर्सर से इस पर क्लिक करने की जरूरत होती है फिर माऊस बटन को दबाये रखते हुये फाइल को किसी और जगह से जा कर छोड़ दिया जाता है इसे drag & drop कहा जाता है । drag & drop से फाइल या फोल्डर को एक जगह से दूसरी जगह रखा जाता है ।

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Thanks for read my Blog || राज रंगा 

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