वायरलेस नेटवर्क, रेडियो टेक्नोलॉजी और वायरलेस टेक्नोलॉजी (Wireless Network, Redio Technology and Wireless Technology) - IT/ITes-NSQF & GK

वायरलेस नेटवर्क, रेडियो टेक्नोलॉजी और वायरलेस टेक्नोलॉजी (Wireless Network, Redio Technology and Wireless Technology)

नमस्कार आप सभी का हमारी वेबसाइट  "https://raazranga.blogspot.com" पर स्वागत हैं । आज हम इस पोस्ट के माध्यम से "वायरलेस नेटवर्क, रेडियो टेक्नोलॉजी और वायरलेस टेक्नोलॉजी (Wireless Network, Redio Technology and Wireless Technology) in hindiके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ।

वायरलेस नेटवर्क, रेडियो टेक्नोलॉजी और वायरलेस टेक्नोलॉजी (Wireless Network, Redio Technology and Wireless Technology) in hindi 

वायरलेस नेटवर्क (Wireless Network):-

                        नोटबुक कंप्यूटर अथवा पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (PDAs) जैसे उपकरण वायरलेस नेटवर्क का इस्तेमाल कर भौतिक रूप से नेटवर्क से जुड़े बिना उसकी इंफोर्मेशन तक एक्सेस कर सकते हैं । वायरलेस नेटवर्क उन केबल की जरूरत खत्म कर देता है जो परंपरागत नेटवर्क में उपकरणों को एक-दूसरे से जोड़ती हैं । वायरलेस नेटवर्क ऐसे मोबाइल उपकरणों की सुविधा देता है जो एक एरिया से दूसरे एरिया में जाने के बाद भी नेटवर्क से कनेक्ट बने रहें ।


■ रेडियो सिग्नल (Radio Signal):- 

                   ज्यादातर वायरलेस नेटवर्क उपकरणों के बीच सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए रेडियो सिग्नल का इस्तेमाल करते हैं । ये नेटवर्क आमतौर पर 800 मेगाहर्ट्ज (MHz) और 1.9 गिगाहर्ट्ज (GHz) के बीच रेडियो चैनलों पर ऑपरेट होते हैं । वायरलेस नेटवर्क में सूचनाएं 11 Mpbs तक की स्पीड से ट्रांसफर हो सकती हैं ।

■ रेडियो ट्रांससीवर्स (Radio Transciever):-

                 रेडियो ट्रांससीवर्स नेटवर्क में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल होता है । कुछ वायरलेस उपकरणों में ट्रांससीवर्स होते हैं जो उपकरणों के बाहर से जुड़े रहते हैं जबकि अन्य वायरलेस उपकरणों में बिल्ट इन ट्रांससीवर्स होते हैं ।

रेडियो टेक्नोलॉजी (Redio Technology):- 

                  रेडियो सिग्नल का इस्तेमाल कर किसी वायरलेस नेटवर्क में सूचनाओं के ट्रांसफर होने के तीन अलग-अलग रास्ते होते हैं जो इस प्रकार हैं:- 

1) GSMC (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन):-

                            दुनिया भर में मोबाइल फोन के लिए वायरलेस स्टैंडर्ड पर इस्तेमाल होने वाली सबसे लोकप्रिय ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी है ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन (GSMC) । यह सिस्टम सूचनाओं को उन्हें कप्रैस करने के बाद डाटा ट्रांसमिट करने के लिए उपलब्ध चैनलों में से एक सिंगल रेडियो चैनल का इस्तेमाल कर ट्रांसफर करता है ।

2) CDMA (कोड डिविजन मल्टीपल एक्सेस):-

                           कोड डिविजन मल्टीपल एक्सेस जानी-मानी ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी है । यह टेक्नोलॉजी सभी उपलब्ध चैनलों को डाटा बांटकर वायरलेस उपकरणों के बीच सूचनाओं को भेजता है । 

3) TDMA (टाइम डिविजन मल्टीपल एक्सेस):-

                          टाइम डिविजन मल्टीपल एक्सेस (TDMA) तकनीक मल्टीपल डिवाइसेस के बीच एक रेडियो चैनल (Radio Channel) को बाट देती है । प्रत्येक उपकरण चैनल का इस्तेमाल कर टर्न ले सकता है । यह तकनीक ज्यादातर बिजनेसमैन इस्तेमाल करते हैं जो डिजीटल सेल्युलर कम्युनिकेशन ऑफर करती है ।

वायरलेस टेक्नोलॉजी (Wireless Technology):- 

                           साधारण सब्दो में समझे तो जो बिना तार (Wireless) के एक point से दूसरे point तक जुड़ा हुआ होता है और डेटा को ट्रांसफर करता है उसे हम wireless technology कहते है । हम अभी जितने भी टेक्नोलॉजी का विकसित रूप देखते है सभी वायरलेस में होता है जो पुराने जमाने की टेक्नोलॉजी है उसको भी modify कर वायरलेस बना दिया जा रहै है । हालांकि वायरलेस उपकरण जैसे- नोटबुक, PDA, स्मार्ट फोन आदि का इस्तेमाल कर नेटवर्क तक एक्सेस करना नई तकनीक पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ स्टैंडर्ड हैं जो यह तय करते हैं कि वायरलेस नेटवर्क (Wireless Network) ठीक से कार्य कर सके ।

■ ब्लूटूथ (Bluetooth):-

                           ब्लूटूथ वायरलेस पर्सनल एरिया नेटवकों (WPAN) के लिए इंडस्ट्रियल स्पेसिफिकेशन है । ब्लूटूथ (Blootooth),  फोन (Phone), लैपटॉप (Laptop), पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer), प्रिंटर (Printer), डिजिटल कैमरा (Digital Camera) और वीडियो गेम (Video Game) जैसे उपकरणों के बीच कनेक्शन स्थापित करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान (Exchange) की राह खोलता है ।


यह काम सुरक्षित, ग्लोबली अनलाइसेंस्ड शॉर्ट रेंज रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए करता है । ब्लूटूथ एक रेडियो स्टैंडर्ड (Radio standard) और कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल (Communication Protocol) है जो शुरुआत में हर उपकरण में लगे कम लागत के ट्रांससीवर माइक्रोचिप्स पर आधारित शॉर्ट रेंज (Short range) के साथ लो पावर कंसम्पशन के लिए डिजाइन हुए है । ब्लूटूथ वाले उपकरण जब रेंज में होते हैं तो एक दूसरे से कम्यूनिकेट कर सकते हैं । ये उपकरण रेडियो कम्यूनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए इन्हें एक दूसरे के आमने-सामने होने की जरूरत नहीं होती । यहाँ तक कि ये अलग-अलग कमरे में होने पर भी कम्यूनिकेट कर सकते हैं । इनके द्वारा रिसीव होने वाला ट्रांसमिशन काफी पावरफुल होता है । दुसरे शब्दो मे अगर कहे तो  ब्लूटूथ एक शॉर्ट-रेंज वायरलेस तकनीक है जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसो को एक दूसरे से जुड़ने और बातचीत करने की अनुमति देता है । यह एक पर्सनल एरिया नेटवर्क (PAN) बनाने के लिए मोबाइल डिवाइसो को कम दूरी पर वायरलेस तरीके से जोड़ती है । ब्लूटूथ के साथ ट्रांसमिट वायरलेस सिग्नल कम दूरी को कवर करते हैं । आमतौर पर यह 30 फीट (10 मीटर) तक की रेंज को कवर करता है । इसके वर्जन इस प्रकार हैं:- ब्लूटूथ- v1.2,  ब्लूटूथ-v 2.0, ब्लूटूथ-V 3.0, ब्लूटूथ-V 4.0, ब्लूटूथ-V 4.1, ब्लूटूथ-v 4.2, ब्लूटूथ-V 5.0  ।

■ रिकोचेट (Recochat):- 

                        यह एक नया नेटवर्क आर्किटेक्चर है जो हाई स्पीड वायरलेस नेटवर्क के लिए डिजाइन किया गया है । रिकोचेट नेटवर्क एक एरिया विशेष में जगह-जगह जैसे सिटी में सड़कों के किनारे  वायरलेस रेडियो उपकरण रखकर तैयार होता है । इसके बाद वायरलेस उपकरण रिकोचेट मॉडम (Recochat Modem) का इस्तेमाल कर रेडियो उपकरणों तक एक्सेस करता है ताकि वे नेटवर्क से जुड़ सकें । रिकोचेट नेटवर्क आर्किटेक्चर इंफोर्मेशन को 128 Kpbs की स्पीड से ट्रांसफर कर सकता है ।


■ Wi-Fi (वाई-फाई):- 

                    इसका पुरा नाम वायरलेस-फीडिलिटि (Wireless Fidility) है । अभी के समय मे Wi-Fi एक सबसे बढ़िया वायरलेस संचार माना जाता है जो हमें इंटरनेट से कनेक्ट रखने में अहम भूमिका निभाता है । यह रेडियो तरंगों की मदद से नेटवर्क और इंटरनेट तक पहुँचने की एक युक्ति है । यह वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट के इर्द-गिर्द मौजूद मोबाइल फोनों को वायरलैस इंटरनेट उपलब्ध कराने का काम करता है । आजकल इस तकनिक का प्रयोग बडे स्तर पर होता हैं जैसे- College और University Compus, Railway Station etc ।


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