वेब पर सुरक्षित रूप से कार्य करना अथवा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना (Work securely on the web or take care of your safety) - IT/ITes-NSQF & GK

वेब पर सुरक्षित रूप से कार्य करना अथवा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना (Work securely on the web or take care of your safety)

नमस्कार आप सभी का हमारी वेबसाइट  "https://raazranga.blogspot.com" पर स्वागत हैं । आज हम इस पोस्ट के माध्यम से    "वेब पर सुरक्षित रूप से कार्य करना अथवा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना (Work securely on the web or take care of your safety)    in hindiके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ।

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वेब पर सुरक्षित रूप से कार्य करना अथवा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना (Work securely on the web or take care of your safety):-

                       इंटरनेट पर अपनी निजी सूचनाओं जैसे बैंक खाता नंबर (Bank Account Number), क्रेडिट कार्ड नंबर (Credit Card Number) आदि किसी को भेजने के लिए आपको अपने आपको सुरक्षित रखना काफी महत्त्वपूर्ण है । अपने आपको सुरक्षित रखने का मतलब इंटरनेट पर सुरक्षा संबंधी बातें और निजी समस्याओं को समझने से है । इन समस्याओं में वायरस (Virus), स्पाइवेयर (Spyware) और पासवर्ड (Password) संबंधी सूचनाएं लीक होने से हैं, जिससे आपकी निजी सूचनाएं दूसरों तक पहुंच सकती हैं और आपको परेशानी हो सकती है । आइए इन समस्याओ और इनके निदान सम्बंधी उपायो को विस्तार से जानते हैं जो इस प्रकार हैं:-

1) स्पाइवेयर (Spyware):-

                         यह एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो आपके कंप्यूटर पर बिना आपकी जानकारी के इंस्टॉल (Install) हो जाता है । यह प्रोग्राम आपके कंप्यूटर से डाटा डिलीट कर सकता है, आपके पासवर्ड को चोरी कर सकता है और आपके वेब ब्राउसर (Web Browser) का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकता है । अनवांछित विज्ञापन डिसप्ले कर सकता है । अपने कंप्यूटर से स्पाइवेयर (Spyware) को हटाने के लिए आपको एंटी स्पाइवेयर प्रोग्राम (Anti-spyware Program) को इंस्टॉल करने की जरूरत होती है । यदि आप विंडोज विस्टा और विंडोज 7 का इस्तेमाल करते हैं तो आप एंटी स्पाईवेयर प्रोग्राम का इस्तेमाल कर अपने कंप्यूटर से स्पाइवेयर को हटा सकते हैं । इसे विंडोज डिफेंडर कहते हैं ।

2) वायरस (Virus):- 

                          वायरस वह प्रोग्राम होते हैं जिन्हें डाटा को रिमूव करने अर्थात् नष्ट करने के लिए जानबूझकर तैयार किया जाता है । कोई भी वायरस आपकी जानकारी के बिना आपके कंप्यूटर और उसमें मौजूद डाटा को नुकसान पहुंचा सकता है । यह आपके कंप्यूटर की कार्यप्रणाली को भी बदल सकता है । यदि आपके कंप्यूटर में कोई वायरस है तो वह आपके कंप्यूटर, उसमें मौजूद फाइलों (Files) और ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को नुकसान पहुंचा सकता है । बहुत ही कम वायरस होते हैं जो नुकसान नहीं पहुंचाते, वे सिर्फ एक साधारण मैसेज डिसप्ले करते हैं । लेकिन अधिकांश वायरस काफी खतरनाक होते हैं और आपके डाटा अथवा पूरी हार्ड डिस्क (HDD) को खराब कर सकते हैं । आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के साथ ही यह दूसरे कंप्यूटरों पर अटैक करने के लिए आपके कंप्यूटर को इस्तेमाल (हाईजैक) कर सकते हैं । वायरस अपने आपको प्रोग्राम फाइलों के साथ अटैच कर लेते हैं और एक डिस्क से दूसरी डिस्क में चले जाते हैं । वायरस के हमले को रोकने के लिए या उसे नष्ट करने के लिए आपको अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस प्रोग्राम (Anti-virus program) को इंस्टॉल करने की जरूरत होती है ।

3) पॉप अप एड (Pop up add):-

                        यह एक छोटा-सा विज्ञापन होता है जो आपकी करेंट विंडो पर कोने में अलग से ब्राउसर विंडो ओपन कर या सबसे ऊपर डिसप्ले होकर आपकी वेब ब्राउसिंग को डिस्टर्ब कर सकता है । पॉप काफी परेशान करने वाले होते हैं, लेकिन यह कभी-कभी खतरनाक भी साबित हो सकते हैं जब आप इन्हें क्लिक करते हैं क्योंकि इनके साथ ही आपके कंप्यूटर में स्पाइवेयर और वायरस आपके कंप्यूटर में इंस्टॉल हो सकते हैं । ब्राउसर में पॉप अप एड को रोकने के लिए आप पॉप अप ब्लॉकर (Pop up blocker) का इस्तेमाल कर सकते हैं ।


4) सेव्ड पासवर्ड (Saved Password):-

                     जब आप किसी विशेष वेबसाइट पर Log In करने के लिए यूजर नेम (User Name) और पासवर्ड एंटर करते हैं तो कभी-कभी एक्सप्रोलर (explorer) और फायरफॉक्स (Firefox) एक प्रॉम्पट(Prompt) को डिसप्ले करते हैं जिसमें लिखा होता है कि आप एंटर किए गए पासवर्ड को remain (जारी) रखना चाहते हैं । यदि आप यस पर क्लिक कर देते हैं तो भविष्य में लॉगइन करते समय वेब ब्राउसर आपके लॉगइन पेज को नजरअंदाज (Bypass) कर सीधे आपकी साइट को खोल देता है । इसका नुकसान यह होता है कि यदि किसी दूसरे व्यक्ति ने उस पर लॉगइन किया तो वह भी उस साइट को देख सकता है । ऐसे में जब कंप्यूटर पर पासवर्ड को रिमेन करने के लिए कहा जाए तो आपको नहीं (No) पर क्लिक करना चाहिए ।

5) कुकीज (Cookies):- 

                     यह एक छोटा-सा टेक्स्ट मैसेज (Text Message) होता है जो वेब ब्राउसर वेबसाइट को आपके कंप्यूटर पर डिसप्ले करने के लिए स्टोर रखता है । कुकीज यूजर नेम और पासवर्ड को भी आपके क्रेडिट कार्ड (credit card) की तरह स्टोर रख सकते हैं । यदि संभव हो तो साइट को इस डाटा को सेव करने के लिए नहीं कहना चाहिए । कई आधुनिक ब्राउसर को कुकीज को स्वीकार करने की और उन्हें निश्चित समय के लिए रखने की सुविधा प्रदान करती हैं, लेकिन कुकीज (Cookies) को reject (अस्वीकार) करने पर कुछ साइट्स उपयोगी नहीं रह जाती हैं । सिक्योर साइट इंडीकेटर (Secure Site Indicator) सिक्योर (सुरक्षित) वेब पेज (Web page) के लिए वेब एड्रेस (URL) को शुरू करते समय HTTPS की 2 जगह HTTP दिखाई देता है । सुरक्षित वेब पेज (Secure web page) होने पर यह वेब ब्राउसर सामान्यतः स्क्रीन पर एक Lock (ताला) और Key (चाबी) डिसप्ले करता है । कभी-कभी वेब ब्राउसर एक डायलॉग बॉक्स (Dialog box) डिसप्ले करता है जो आपको बताता है कि आप जिस पेज को देख रहे हैं यह सिक्योर वेब पेज है ।

6) आइडेंटीफाई थेफ्ट (Identify theft):-

                   यह आपको ऐसे स्कैनर (Scanner) के रूप में रेफर करती है जो सिर्फ आपके डाटा को आइडेंटीफाई (पहचान) करती है । इसमें आपका नाम, पता, क्रेडिट कार्ड नंबर (Name, Address, Credit Card Number) आदि शामिल होता है । यह स्कैनर आपके डाटा को नए क्रेडिट कार्ड को सेट करते समय और आपके नाम से लिए गए लोन के रूप में शामिल करता है । ऑनलाइन काम करते समय अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए आपकी महत्त्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए । आपको कभी भी अपनी निजी सूचनाओं को उपलब्ध नहीं करना चाहिए जब तक कि यह वैधानिक रूप से जरूरी न हो । आपको अपने क्रेडिट कार्ड से किए गए लेन-देन पर भी नजर रखनी चाहिए ।

                    इस ब्लॉग के माध्यम से आज हमने जाना कि वेब पर सुरक्षित रूप से कार्य करना अथवा अपनी सुरक्षा का ध्यान कैसे रखा जाए । आशा है कि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा ।

   Thanks for read my Blog || राज रंगा    

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