11th-IT-CBSE-Unit-1- Session:-2 कंप्यूटर के अवयव (Components of Computer) - IT/ITes-NSQF & GK

11th-IT-CBSE-Unit-1- Session:-2 कंप्यूटर के अवयव (Components of Computer)

नमस्कार आप सभी का हमारी वेबसाइट https://raazranga.blogspot.com पर स्वागत हैं, आज हम इस पोस्ट के माध्यम से || 11th-IT-CBSE-Unit-1- Session:-2 कंप्यूटर के अवयव (Components of Computer) के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे ।

Session-2: Components of Computer (कंप्यूटर के अवयव)

■ Motherboard:-

                                 यह मुख्य सर्किट बोर्ड है जो CPU, Memory, HDD और Optical Drive  के लिए कनेक्टर, वीडियो और ऑडियो को नियंत्रित करने के लिए विस्तार कार्ड, और विभिन्न पोर्ट (जैसे-USB Port) के रूप में कनेक्शन जैसे विभिन्न घटकों को एक साथ रखता है । यह कंप्यूटर के हर कंपोनेंट को एक कनेक्शन प्रदान करता है ।

■ Inpute Devices (इनपुट डिवाइस):- इसमे उन सभी devices को शामिल किया जाता है जो कंप्यूटर को data, commands और instructions देने के लिए उपयोग की जाती हैं ।

1) Keyboard (की-बोर्ड):- 

                               यह एक Input Device है जिसमे keys लगी होती हैं । इन्हीं keys को दबाकर कंप्यूटर में डाटा डाला जाता है । Keyboard की keys टाइपराइटर की keys की तरह ही होती हैं । एक डेस्कटॉप कंप्यूटर में 101 से लेकर 104 कीज़ होती हैं । नोटबुक कंप्यूटरों जैसे छोटे कंप्यूटर की कीज़ कम होती हैं । Keyboard के प्रकार मे PS/2, USB, Wireless keyboards होते है ।

2) Mouse (माउस):-

                                यह एक प्वाइंटिंग उपकरण (Pointing Device) है जो आसानी से हाथों में फिट हो जाता है । इसकी सहायता से स्क्रीन पर दिखने वाले प्वाइन्टर यानी तीर का निशान, जिसे अक्सर माउस प्वाइन्टर कहा जाता है । इसके द्वारा इसकी हरकतों को नियन्त्रित किया जाता है और साथ ही स्क्रीन से Select भी किया जा सकता है । माउस के उपरी भाग में दो या तीन बटन लगे होते हैं । कुछ माउस में छोटा पहिया भी होता हैं । माउस का निचला हिस्सा समतल होता है जो माउस की speed का पता लगाने की प्रणाली से युक्त होता है । Mouse के प्रकार मे PS/2, USB, Wireless mouse होते है ।

3) Joystick (जॉयस्टिक):-

                                      इसको गेम्स से जुड़े हुए Software का इस्तेमाल करने वाले users प्वाइंटिंग उपकरण के रूप में joystick का प्रयोग करते हैं । Joystick एक आधार पर सीधा खड़ा हुआ लीवर होता है । खिलाड़ी लीवर को विभिन्न दिशाओं में घुमाकर खेल को control करता है । लीवर में बटन लगे होते हैं जो triggers कहलाते हैं जो दबाने पर काम करते हैं । कुछ जॉयस्टिक में अन्य कामों के लिए extra button भी लगे होते हैं ।

4) Scanner (स्कैनर):-

                              एक optical scanner को साधारणतया scanner के तौर पर जाना जाता है । यह लाइट सेंसिंग इनपुट डिवाइस है । स्कैनर प्रिंटिड टैक्सर व ग्राफिक्स को पढ़ता है और ऐसे format में result को बदल देता है जिसे कंप्यूटर इस्तेमाल कर सके । सर्वाधिक लोकप्रिय स्कैनरों में से एक फ्लेटबेड स्कैनर है । फ्लेटबेड स्कैनर डाक्यूमेंट को पेपर पर copy करने के बजाय इसे अपनी मेमोरी में फाइल की कॉपी बनाता है । इसके बजाय यह बस एक कॉपी मशीन की तरह काम करता है । एक बार यह object को स्कैन करता है । फिर यह object को स्क्रीन पर डिसप्ले स्टोरेज मीडियम में store, print, fax और Email मैसेज की तरह attach हो सकता है ।

5) Touch Screen(टच स्क्रीन):-

                               यह भी एक input device होती है यह एक ऐसी screen होती है जिसमें आप स्क्रीन के विभिन्न क्षेत्रों को उंगलियों के touch के द्वारा कंप्यूटर से Communication कर सकते हैं । इस system में बाजुओं को बार-बार हिलाना पड़ता है, इसलिए अक्सर लोग टच स्क्रीन में बड़ी मात्रा में डाटा नहीं डालते । बल्कि स्क्रीन पर चिह्नित शब्दों, चित्रों, आंकड़ों या फिर स्थान को छूने हेतु इसका इस्तेमाल किया जाता है । कई ATM मशीनों में टच स्क्रीन लगी होती है ताकि उपभोक्ता अपने खाते से संबंधित काम आसानी से कर सकें । कुछ नोटबुक कंप्यूटरों में भी टच स्क्रीन होती है ।

6) Web Camera (वेब कैमरा):-

                        Web Camera या Web Cam आधुनिक कैमरा है, जिसकी images दुनिया भर की web, Instant messaging या पर्सनल कंप्यूटर (PC) की वीडियो कॉलिंग एप्लीकेशन (VCA) पर एक्सेस हो सकती हैं । वेब कैमरे आम तौर पर सॉफ्टवेयर के साथ आते हैं । इसका सॉफ्टवेयर Setup और वेब कैमरा इस्तेमाल करने में मदद करता है ।

7) Digital Camera(डिजिटल कैमरा):-

                       Digital Camera (Digicam) पारंपरिक कैमरों की तरह फोटोग्राफिक फिल्म इस्तेमाल करने के बजाय, कंप्यूटर में इलैक्ट्रॉनिक ढंग से फोटोग्राफ्स कैप्चर करने और स्टोर करने का इलैक्ट्रॉनिक इनपुट डिवाइस है । मॉडर्न कपैक्ट डिजिटल कैमरे (Modern compact Digital Cameras) विशिष्ट तौर पर multifunctional हैं । कुछ डिजिटल कैमरे आवाज रिकार्ड करने में और फोटोग्राफ्स के साथ वीडियो बनाने में सक्षम होते हैं ।

8) MIC(माइक):-

                        Audio Input कंप्यूटर में किसी भी आवाज जैसे बोली, संगीत या ध्वनि को एंटर करने का प्रोसेस है । आपके पर्सनल कंप्यूटर में हाई क्वालिटी साउंड इनपुट करने के लिए साउंड कार्ड होना चाहिए । आप कई डिवाइसिस जैसे:- MIC, microphone, tap players, CD-player या radio द्वारा साउंड इनपुट कर सकते हैं । इनमें हर उपकरण साउंड कार्ड के पोर्ट पर जुड़ता है । माइक के द्वारा हम कंप्यूटर या कंप्यूटिंग डिवाइस मे आवाज भेज या input कर  सकते हैं । 

9) Voice Input (वॉइस इनपुट):-

                                 आप जिस प्रोसेस के जरिए कंप्यूटर के साउंड कार्ड से अटैच microphone बोल कर डाटा को एंटर कर सकते हैं, उसे voice input कहते हैं । डाटा इनपुट करने के लिए keyboard प्रयोग करने की बजाय बहुत से यूजर्स अपने कंप्यूटर्स से बात करते हैं । कंप्यूटर voice recognition के जरिए बोले गए शब्दों में अंतर कर सकता है । इसे 'speech recognition' भी कहते हैं । वॉइस रिकांगनिशन प्रोग्राम बोली को नहीं पहचानते हैं । वॉइस रिकोगनिशन प्रोग्राम केवल प्री-प्रोग्राम्ड शब्दों की शब्दावली को पहचानते हैं । वॉइस रिकोगनिशन प्रोग्राम्स की शब्दावली में दो शब्दों से लाखों शब्दों की रेंज हो सकती है । आपके कंप्यूटर का वॉइस रिकोगनिशन प्रोग्राम 10 लाख शब्दों में अंतर करके पहचान सकता है ।

10) Trackball (ट्रैक बाल):-

                                     Trackball एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग computer या अन्य electronic devices में command दर्ज करने के लिए किया जाता है । यह माउस के समान कार्य करता है, लेकिन इसको top पर एक movable ball के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिसे आप किसी भी दिशा में घुमा सकते हो । यह देखने मे बिल्कुल mouse की तरह दिखता है ।

11) Touch Pad (टच पैड):-

                                  Touchpad एक समतल नियंत्रण सतह है जिसका उपयोग cursor को move करने और कंप्यूटर पर अन्य कार्य करने के लिए किया जाता है । इसे trackpad भी कहा जाता है । Touchpads मुख्यतय Laptop पर पाए जाते हैं और माउस की कार्यक्षमता को प्रतिस्थापित(replace) करते हैं । Touch pads को आपकी उंगली से नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ।

12) Light Pen(लाईट पेन):-

                           Light Pen एक hardware हैं जो computer के लिए input device की तरह से काम करता हैं । जिसका use करके computer की screen पर menu या image को select या अन्य कोई भी काम करने के लिए किया जाता हैं । जब इस pen की नोक को computer की screen पर रखा जाता हैं तो यह उनको active कर देता है । यह device केवल Monitor के साथ काम करती है । यह डिवाइस उसी तरह से काम करती हैं जैसे हम आज टच स्क्रीन को use करते है ।

13) Digitizer (डीजिटाईजर):- 

                                    यह एक ऐसी मशीन या device है जो किसी analog object, image या signal को digital यानी Computerise format में change करती है । इसका दुसरा नाम analog-digital converter है । यह एक ग्राफिक्स टैबलेट प्रकार की एक कंप्यूटर इनपुट डिवाइस है जो users को एक विशेष पेन की मदद से image, animation और graphic को हाथ से खींचने में सक्षम बनाता है । यह ठीक उसी तरह से काम करती है जैसे कोई व्यक्ति पेंसिल और कागज से चित्र बनाता है ।

14) Magnetic Ink Characters Recognition (मेग्नेटीक इंक कैरेक्टर रेकॉगनेशन):-

                      इसे शार्ट मे MICR-code भी कहा जाता है । यह एक 9 Digit code होता है जो उन बैंक शाखाओं की recognise करता है जो Electronic clearing system में भाग ले रहे हैं । MICR code का प्राथमिक कार्य बैंकिंग डेटाबेस में कागज़ आधारित दस्तावेज़ की validity और विश्वसनीयता(Reliability) को प्रमाणित करना है । इसका प्रयोग बैंक मे cheque को recognise करने के लिए किया जाता है ।

15) OCR-Optical Characters Recognition (ऑप्टिकल कैरेक्टरस रेकोगनिशन-OCR):-

                           यह एक software है जिसका इस्तेमाल किसी file को कंप्यूटर की भाषा मे बदलने के लिए किया जाता हैं । OCR-Optical Character Recognition तकनीक पर काम करता है । यह एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार की files को ऐसे data में बदला जा सकता है, जिसे कंप्यूटर समझ सकता है । हम इसकी मदद से किसी पेज या बहुत से पेजो पर लिखे words को कंप्यूटर मे add करवा सकते है । जिससे हमारा टाइप करने का समय बच जाता है ।

16) Barcode Reader (बार कोड रीडर):-

                               Barcode किसी उत्पाद या product के बारे में आंकड़े या सूचना को लिखने का एक तरीका है । अपने मूल रूप में बारकोड के लिये समान्तर रेखाओं एवं उनके बीच के अन्तराल का उपयोग किया जाता था । इसको बारकोड कह सकते हैं । बारकोड मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं जिनमें पेन स्कैनर, लेज़र स्कैनर, CCD (Charge Coupled Device) स्कैनर तथा 2D कैमरा स्कैनर होते हैं । प्रत्येक bar code की शुरुआत विशेष कैरक्टर के साथ होती है, जिसे start code कहा जाता हैं । इसी कोड को read करने के लिए एक डिवाइस का प्रयोग किया जाता है जिसे Bar Code Reader कहा जाता है । इसे प्राइस स्कैनर या पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) स्कैनर भी कहा जाता है । यह एक hand held divice होती हैं जिसे हाथ से पकड़कर चलाया जाता है । 

17) OMR-Optical Mark Recognition (ऑप्टिकल मार्क रेकोग्निशन):- 

                            OMR का पुरा नाम Optical Mark Reader या recognition  होता है । यह एक विशेष प्रकार का optical scanner है जिसका उपयोग पेन या पेंसिल द्वारा बनाए गए गोल चिह्न के प्रकार को पहचानने के लिए इसका उपयोग किया जाता है, जहां कुछ विकल्पों में से एक को select और mark किया जाना है । इसी OMR-sheet को read करने के लिए इस device को प्रयोग किया जाता है ।


■ Output Devices:-

                                  Output devices उन computer devices को कहा जाता है जिनसे हमे computer से result प्राप्त होता है । कंप्यूटर में process और organize होने को बहुत सारा डाटा फीड होता है । उपयोगी form में process हुआ डाटा output कहलाता है । कंप्यूटर यूजर की जरूरत और इस्तेमाल हो रहे hardware और software के आधार पर विभिन्न प्रकार के आउटपुट या परिणाम उत्पन्न करता है । आप कंप्यूटर द्वारा तैयार किए गए आउटपुट को देख, सुन और प्रिंट कर सकते हैं ।आप desktop के मॉनीटर पर देखकर आप सूचना या information को देख सकते हैं । कुछ प्रिंटर्स काले-सफेद अक्षर व ग्राफिक्स निकालते हैं और कुछ प्रिंटर्स रंगीन भी छापते हैं । इसलिए आप रंगीन डाक्यूमेंट्स, फोटोग्राफ्स और ट्रांसपेरेसीज प्रिंट कर सकते हैं । कंप्यूटर के speakers और headset के जरिए आप sound, music और voice सुन सकते हैं । Output Devices मे Monitor, Printer, Plotter, Speaker, headset इत्यादी को शामिल किया जाता है । आइये विस्तार से output devices को समझते हैं जो इस प्रकार है:-

1) Monitor (मॉनीटर):-

                                   मॉनीटर (Monitor) एक आउटपुट डिवाइस (Output Device) है, जिस पर हम Text, Graphic और Video information देख सकते हैं । मॉनीटर पर इन्फोर्मेशन इलैक्ट्रॉनिक तरीके की होती है, जो कुछ समय के लिए डिसप्ले होती है । इसलिए मॉनीटर की इनफोर्मेशन को 'Soft Copy' कहा जाता है । Monitor screen पर जो भी हम computer पर काम करते है उसे साथ-साथ परिणाम के रुप मे देख सकते हैं । Monitor जो कंप्यूटर के साथ प्रयोग किये जाते हैं विभिन्न प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं:-

I) CRT Monitor:- इसका पुरा नाम Cathode Ray Tube हैं । यह मॉनिटर देखने मे TV जैसा लगता है और काफी भारी होता हैं । यह तकनीक सस्ती और उत्तम रंगीन आउटपुट देने में सक्षम होती है । जिसको VDU-(Visual Display Unit) भी कहा जाता है ।आजकल इसका प्रयोग लगभग बन्द हो चुका है । 

II) Flat Panel Display:- इस Monitor और डिस्प्ले डिवाइसेज तकनीक को CRT तकनीक के बदले विकसित किया गया है । जिसमे रसायनों और गैसों को काँच की प्लेटों के बीच संयुक्त किया जाता है । इन पतली Display devices को फ्लैट पैनल डिस्प्ले (Flat Panel Display) कहा जाता है ।

III) LCD Monitor:- इसका पुरा नाम Liquid Crystal Display हैं । यह मॉनिटर CRT- (Cathode Ray Tube) मॉनिटर की तुलना मे बहुत हल्का और लाने ले जाने मे आसान है । यह बिल्कुल पतला सा होता हैं । इसकी पिक्चर Quality भी बहुत अच्छी होती हैं ।

IV) TFT Monitor:- इसका पुरा नाम Thin Film Transistor है । यह एक display device टेक्नोलॉजी है, जो कि LCD Monitor, Mobile Screen या अन्य display devices हेतु प्रयोग में लाई जाती है । यह मॉनिटर दूसरे display की तुलना मे एक अच्छी Quality का display होता हैं । 

V) LED Monitor:- इसका पुरा नाम Light Emitting Diode हैं । ये Flat Pannel Display या थोड़ा घुमावदार डिस्प्ले (Curved Display) होते है । CRT और LCD की तुलना में यह LED Monitor बहोत कम बिजली का उपयोग करते है और इनको पर्यावरण के अनुकूल भी माना जाता है । 

VI) OLED Monitor:- यह मॉनिटर फ्लैट कंप्यूटर डिस्प्ले होते हैं जिनमें लिक्विड क्रिस्टल से भरी इकाइयों के बजाय OLEDs (organic light emitting diode) से बने Pixel होते हैं । LCD तकनीक के विपरीत, OLED को कार्य करने के लिए backlighting की आवश्यकता नहीं होती है । इसकी picture Quality बहुत अच्छी होती है ।

VII) HD Monitor:- इसका पुरा नाम High Defination Monitor है । इसकी पिक्चर quality बहुत ही शानदार होती हैं । आजकल इनको बहुत ज्यादा प्रयोग किया जाने लगा है । इस display का प्रयोग Mobiles मे बहुत तेजी से हो रहा है ।

2) Printer (प्रिंटर):- 

                          यह एक ऐसा output Device है जो कागज पर फिजिकल रुप से Text और Graphics को छापने या print करने के लिए उपयोग किया जाता है । Printer द्वारा प्रिंट होने वाली प्रिंटिड इन्फोर्मेशन 'Hard Copy' कहलाती है । इसके द्वारा हम कोई भी फ़ाईल जो कंप्यूटर मे बनाते हैं आवश्यकता होने पर उसको कागज पर प्रिंट भी कर सकते हैं । प्रिंटर भी विभिन्न प्रकार के होते है । आइये इनके बारे मे विस्तार से जानते हैं:-

I) Dot Matrix Printer:- यह प्रिंटर Low-quality के प्रिंट निकालता है । ये प्रिंटर dot से image बनाने के लिए hammer और ribon का प्रयोग करते है । Printed image की अच्छी quality के लिए ज्यादा dot hammer का प्रयोग होता है । मैन्यूफेक्चरर और प्रिंटर के मॉडल के आधार पर इसके प्रिंट हैड मैकेनिज्म में 9 से 24 तक पिनें होती हैं । पिनों की संख्या ज्यादा होने का मतलब ज्यादा डॉट प्रिंट होंगे, जिससे higher print quality मिलती है ।

II) Inkjet Printer (इंक-जैट प्रिंटर्स):- यह प्रिंटर कागज पर तरल स्याही की छोटी बूंदे छिड़क कर characters और graphics बनाता है । इस प्रिंटर की क्वालिटी इसके रेजोल्यूशन या शार्पनेस और क्लेरिटी से मापी जाती है । इसकी पिक्चर quality DPI यानी Dots Per Inch मे मापी जाती है । जितनी ज्यादा DPI उसका का मतलब उत्तम प्रिंट क्वालिटी । इस प्रिंटर में स्याही की बूंद डॉट होती है ।

III) Laser Printer (लेजर प्रिंटर):- यह printer कागज पर high quality image print करने के लिए प्रयोग किया जाता है । यह फोटोकोपियर मशीन की तरह काम करता हैं । इसकी हाई स्पीड होने की वजह से इस प्रिंटर को 'Laser Printer' कहते हैं । लेजर बीम लाइट सेंसिटिव ड्रम पर इमेज की आकृति बनाती है । Drum, fine powder ink लेता है और tonner को ट्रांसफर करता है, जो कागज पर इमेज बनाता है ।

3) Plotter (प्लॉटर):- 

                                    Plotter एक कंप्यूटर हार्डवेयर डिवाइस है जो printer की तरह होता है जो vector graphic को प्रिंट करने के लिए उपयोग किया जाता है । इसका उपयोग बडे आकार के print जैसे poster, banner इत्यादी निकालने के लिए किया जाता है । इनके द्वारा 3-D printing भी की जा सकती है । इसमे tonner के बजाय, इसमे कागज पर निरंतर लाइनों को खींचने के लिए एक पेन, पेंसिल, मार्कर, या किसी अन्य लेखन डिवाइस का उपयोग करता हैं । इससे प्लाईवुड, एल्यूमीनियम, शीट स्टील, कार्डबोर्ड, और प्लास्टिक सहित फ्लैट सामग्री पर भी प्रिंट कर सकते हैं । इसके दो प्रकार Drum pen Plotter, Flat bed Plotter हैं ।

4) Projector(प्रोजैक्टर):-

                                     प्रोजेक्टर ऐसा Optical device होता है जो की एक image या moving images को एक surface के ऊपर project करता है जो की मुख्य रूप से एक projection screen होता है । Computer Projector एक Optical Device है । जो बड़े Screen पर Output देने का कार्य करता है । इसलिए इसे Output Device भी कहते हैं । यह किसी Image या Video को बड़ी सतह जैसे दिवार या सफेद पर्दा पर दिखाता है । आज के समय में जो सबसे सामान्य प्रकार का projector होता है वह विडियो प्रोजेक्टर है ।

5) Speaker(स्पीकर्स):-

                                  इसको कंप्यूटर का ऑडियो आउटपुट डिवाइस कहते है, जो Music, Speech और beeps जैसी अन्य आवाजें निकालता है । जब हम कंप्यूटर पर ओडियो व वीडियो play करते है तब हमे आवाज इसी के माध्यम से सुनाई देती हैं ।

■ CPU (Central Processing Unit):- 

                               मदरबोर्ड में मुख्य प्रोसेसर या CPU (Central Processing Unit) होता है । सीपीयू उपयोगकर्ता के निर्देशों को निष्पादित करता है और कंप्यूटर की अन्य सभी इकाइयों के बीच समन्वय करता है । इस प्रकार, यह मुख्य रूप से मशीन के प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार है । प्रोसेसर को उनकी गति, तकनीक (dual-core, Quad-core, Octa-Core) और उनके निर्माताओं (Intel and AMD) के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है । इसकी CPU Clock speed को Hz, KHz, MHz, GHz मे मापा जाता है । प्रति सेकंड लाखों निर्देश और गीगाहर्ट्ज़ (Gigahertz GHz) - प्रति सेकंड अरबों निर्देश, इसकी शक्ति का संकेत है । 

■ Power Supply Unit:- 

                            कंप्यूटर का यह घटक वह है जो घरों या कार्यालयों द्वारा प्राप्त होने वाली वैकल्पिक वर्तमान बिजली आपूर्ति को मशीन द्वारा आवश्यक कम वोल्टेज प्रत्यक्ष वर्तमान में परिवर्तित करता है ।

■ Random Access Memory (RAM):- 

                                   यह मेमोरी स्टोरेज कंप्यूटर सिस्टम के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । हर बार जब आप कंप्यूटर शुरू करते हैं, तो ऑपरेटिंग सिस्टम रैम में लोड होता है । जिस प्रोग्राम को किसी भी समय निष्पादित (Execution) यानी चालू करने की आवश्यकता होती है उसे भी रैम में लाने की आवश्यकता होती है । इन दिनों पीसी में लगभग 4GB से 32 GB तक रैम है । अधिक रैम, अधिक तेजी से निष्पादन के लिए अग्रणी कार्यक्रमों के लिए जगह होगी । बेशक, कंप्यूटर में सब कुछ कुछ सीमाओं के अधीन है ।

■ ROM (Read only Memory):-

                                 यह आमतौर पर कंप्यूटर के Start-Up संचालन में प्रयोग किया जाता है । यह एक गैर-वाष्पशील प्राथमिक मेमोरी है । इसके अलावा इसे इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है:- 

ROM:- Read Only Memory 

PROM:- Programmable Read only Memory

EPROM:- Erasable Programmable Read only Memory

EEPROM:- Electrically Erasable Programmable Read only Memory

■ Hard Disk (HD):- 

                          कंप्यूटर की सी ड्राइव में संग्रहीत सभी डेटा मूल रूप से हार्ड डिस्क में संग्रहीत होते हैं। यह डेटा संग्रहीत करने के लिए एक चुंबकीय माध्यमिक भंडारण उपकरण है और कंप्यूटर के बॉक्स में तय किया जाता है । जिस प्रोग्राम को निष्पादित किया जाना है उसे पहले हार्ड डिस्क में संग्रहीत किया जाता है जहां से इसे रैम में स्थानांतरित किया जाता है । काम पूरा होने पर प्रोग्राम फिर से हार्ड डिस्क पर सेव हो जाता है । इन दिनों डेटा के बड़े भंडारण के लिए बाहरी और पोर्टेबल हार्ड डिस्क भी बाजार में उपलब्ध हैं । यह आमतौर पर प्रदर्शन और इसकी क्षमता की विशेषता होती है । मेमोरी क्षमता बाइट्स के संदर्भ में निर्दिष्ट है । इन दिनों एक हार्ड डिस्क (HDD) की क्षमता को गीगाबाइट्स (GB), टेराबाइट्स (TB) के रूप में व्यक्त किया जाता है । 

■ SSD (Solid State Disk):-

यह भी हार्ड डिस्क का एक नया टाइप है । इसमे डाटा डिस्क पर स्टोर न होकर इसमे मौजूद चिपो मे डाटा स्टोर होता हैं । इसकी performance और speed Hdd से अधिक होती हैं ।

■ Pen Drive / Flash Drive:-

                            यह एक छोटा पेन जैसा स्टोरेज डिवाइस है और इसे सीधे USB (यूनिवर्सल सीरियल बस) Port में डालकर एक्सेस किया जा सकता है । यह अपने छोटे आकार और आसान पहुंच के कारण इन दिनों बहुत लोकप्रिय है ।

■ Storage Capacity को बताने के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्दों के पदानुक्रम को देखें :-

कंप्यूटर में हर बिट की जानकारी Bits (Binary Digit) यानी O और 1 के रूप में स्टोर की जाती है ।

Memory Measurement Unit 

■ Optical Storage Device:-

                                  कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) और डिजिटल वीडियो डिस्क (DVD) ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण हैं । DVD की क्षमता CD की क्षमता से अधिक होती है । CD / DVD में डेटा को डिस्क ड्राइव में डिस्क डालकर एक्सेस किया जा सकता है । 

   Thanks for read my Blog || राज रंगा    









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