कंप्यूटर खरीदते समय ध्यान देने योग्य बाते (Things to consider when buying a computer)
कंप्यूटर खरीदते समय ध्यान देने योग्य बाते (Things to consider when buying a computer):-
कंप्यूटर को खरीदते समय सही प्रकार का कंप्यूटर खरीदने के लिए विभिन्न तथ्य को ध्यान मे रखना चाहिये । यह ध्यान रखना चाहिए कि कंप्यूटर आपकी जरूरतों को पूरा करता हो और यह समय व पैसे की बचत भी करे । बाजार में दो प्रकार के कंप्यूटर मौजूद हैं ।
1) ब्रांड नेम वाले कंप्यूटर ।
2) क्लोन यानी एसेंबल कंप्यूटर ।
1) ब्रांड नेम वाले कंप्यूटर (Brand Name Computers):-
इन कंप्यूटरों को बड़ी कंप्यूटर निर्माता कंपनियों द्वारा तैयार किया जाता है, जैसे- IBM, DELL, COMPAC, HP, ACER, LENOVO, TOSHIBA, SONY, NEC, APPLE, GATEWAY, FIJUTSU इत्यादी । इन कंपनियों द्वारा तैयार किया गया कंप्यूटर ब्रांड नेम (Brand Name Computer) कंप्यूटर कहलाता है । ब्रांड नेम कंप्यूटर के कंपोनेंट (Parts) बड़ी कंपनियों द्वारा तैयार व अप्रूव किए जाते हैं । ये कंप्यूटर Branded होने के कारण महंगे होते है ।
2) क्लोन यानी एसेंबल कंप्यूटर (Clone/ Assembled Computer):-
ये कंप्यूटर आईबीएम (IBM) जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा तैयार नहीं किए जाते हैं, लेकिन यह उन कंप्यूटरों से किसी भी मामले में कम नहीं होते हैं । कहने का अर्थ यह है कि असेंबल कप्यूटरों को बड़ी कंप्यूटर निर्माता कंपनियों द्वारा नहीं बनाया जाता है । ये कंप्यूटर आजकल ज्यादा लोकप्रिय हैं, क्योंकि इनमें विभिन्न कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही विभिन्नताएं होती हैं । ऐसे में आप यह तय कर सकते हैं कि आपके कंप्यूटर में कौन-सा कंपोनेंट होना चाहिए । ये कंप्यूटर branded कंप्यूटर के मुकाबले सस्ते होते हैं और इनकी performance, branded कंप्यूटर के समान ही होती हैं ।
■ Compatibility (अनुकूलता):-
Brand Name कंप्यूटर की तुलना में Clone / Assebled कंप्यूटर को आप आसानी से अपग्रेड कर सकते हैं, क्योंकि Clone / Assembled Computer विभिन्न निर्माताओं द्वारा तैयार कंप्यूटर की विस्तृत रेंज को सपोर्ट करते हैं । ब्रांड नेम कंप्यूटर के कंपोनेंट (Parts) विशेष रूप से बनाए जाते हैं और इन्हें बदलना काफी Expensive यानी महंगा होता है । ऐसे में Brand Name Computer काफी महंगे साबित होते हैं ।
■ Reliability (विश्वसनीयता):-
Brand Name Computer, Clone / Assembled कंप्यूटर की तुलना में अधिक विश्वसनीय होते हैं, क्योंकि ज्यादातर बड़ी कंपनियां कंप्यूटर के निर्माण में उच्च गुणवत्ता नियंत्रक (High Quality Control) का इस्तेमाल करती हैं ।
■ Cost of Computer (कंप्यूटर की कीमत):-
Clone/ Assembled कंप्यूटरों की तुलना में ब्रांड नेम कंप्यूटर ज्यादा महंगे होते हैं । जबकि क्लोन कंप्यूटर कुछ सस्ते होते हैं । लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उनकी क्वालिटी अच्छी न हो।
■ After sales service (बिक्री के बाद सर्विस):-
Clone/ Assembed कंप्यूटरो की अपेक्षा Brand Name Computer बेहतर बिक्री के बाद सर्विस (After sales service) उपलब्ध कराते हैं । ब्रांड नेम कंप्यूटर (Brand name Computer) प्रायः वारंटी बढ़ाने की सुविधा भी देते हैं । इसके अलावा कंप्यूटर के साथ दिए गए Program या Software के लिए तकनीकी सपोर्ट भी उपलब्ध कराते हैं । इस तरह की आफ्टर सेल सर्विस ( After sale services) प्राय: Clone/ Assembled कप्यूटरों के साथ नहीं मिलती है ।
खरीदारी से पूर्व कुछ जरूरी बातें (Some important things before buying):-
कंप्यूटर खरीदने से पहले आपको अपने दोस्तों, बाजार में दुकानदारों आदि से बातचीत कर लेनी चाहिए कि आपको किस प्रकार का कंप्यूटर खरीदना चाहिए । क्या वे इसमें कंपनी या कंप्यूटर को चुनने में आपकी मदद कर सकते हैं आदि । आपको वेबसाइट की मदद लेनी चाहिए और इसके प्रीव्यू को भी पढ़ना चाहिए । बेहतर कंप्यूटर को खरीदते समय आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए । जो इस प्रकार है:-
■ प्रोसेसर की स्पीड (Processor Speed):-
मेमोरी (RAM) और स्टोरेज (Hard Disk, CD ROM, CD WRITER, DVD ROM), का आकार (Size) और प्रकार (Type) को देख लेना चाहिए । विशेष रूप से Processor की speed का भी ध्यान रखना चाहिए । Computer खरीदते समय इन चीजो का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
■ इनपुट / आउटपुट डिवाइस को जांचना (Calibrating Input / Output devices):-
कंप्यूटर से जुड़ी इनपुट / आउटपुट डिवाइस जैसे- माउस, की-बोर्ड, मॉनिटर, प्रिंटर, साउंड कार्ड, वीडियो कार्ड आदि को अच्छी तरह से जांच लेना चाहिए की इनमे किसी प्रकार का कोई fault ना हो ।
■ कम्युनिकेशन डिवाइस (Communication Devices):-
कंप्यूटर से जुड़ी कम्युनिकेशन डिवाइस जैसे- मॉडम, नेटवर्क इंटरफेस कार्ड इत्यादि को भी देख लेना चाहिए । यदि यह सुविधा उपलब्ध नही है तो आपको अपने कंप्यूटर से नेट connect करने मे दिक्कत हो सकती हैं ।
■ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer Software):-
कंप्यूटर में शामिल कोई भी सॉफ्टवेयर जैसे- वर्ड प्रोसेसर या एंटीवायरस आदि जो आपके काम के हो उनको Install करवा लेना चाहिए ।
अपने कंप्यूटर को मेंटेन रखना (maintaining your computer):-
Computer को खरीदने के बाद यह सुचारु रूप से कार्य करता रहे, इसके लिए आपको कुछ मेंटेनेंस भी रखनी चाहिए । इस भाग में बताई गई बातों को अपनाकर आप अपने कंप्यूटर की मेंटेनेंस को कम से कम रख सकते हैं ।
■ एक नोटबुक का इस्तेमाल करें जिससे आपके कंप्यूटर से संबंधित सारी जानकारी मौजूद हो । जब-जब आप अपने कंप्यूटर में कोई बदलाव करते हैं जैसे- Hardware या Software को शामिल करना या हटाना । उसे अपनी नोटबुक में तुरंत नोट करना चाहिए । आपको अपने कंप्यूटर में निम्नलिखित बिंदु शामिल करने चाहिए:-
□ अपने यूजर मैनुअल से वेंडर सपोर्ट नंबर ।
□ सभी उपकरणों व सॉफ्टवेयर के सीरियल नंबर ।
□ अपने ISP के लिए यूजर आईडी (User ID), पासवर्ड (Password) और निकनेम (Nickname) ।
□ सभी उपकरणों या सॉफ्टवेयर के लिए वेंडर का नाम और तारीख ।
■ अपने कंप्यूटर के आसपास के एरिया को साफ-सुथरा और धूलमुक्त रखें । यह आपके कंप्यूटर सिस्टम के अंदरूनी भागों को साफ करने की जरूरत को कम कर देगा और समय समय पर इसको साफ भी करते रहे ।
■ महत्त्वपूर्ण फाइलों एवं डाटा का बैकअप (Backup) तैयार करें । ऑपरेटिंग सिस्टम (O/S) में शामिल यूटिलिटी प्रोग्राम (Utility Programs) या थर्ड पार्टी (Third Party) का इस्तेमाल करें और रिकवरी या रीस्टार्ट करने पर डिस्क कम होने पर इसकी सहायता लें । महत्त्वपूर्ण डाटा फाइलों को Disk, CD, DVD, PEN DRIVE, External Hard Disk या दूसरे कंप्यूटर में नियमित रूप से कॉपी करते रहें । अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस (Antivirus) प्रोग्राम को Install करके और वेंडर की वेबसाइट से इसे समय-समय पर Update करते रहने से आप अपने कंप्यूटर मे वायरस को आने से रोक सकते हैं । किसी अनजान व्यक्ति से मिली फाइलों को कभी भी अपने कंप्यूटर पर open न करे । खासकर उनको जिनके ई-मेल में कोई अटैचमेंट फाइल होती है ।
■ विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम में उपलब्ध features के इस्तेमाल से अपने कंप्यूटर को साफ-सुथरा रखें । इनमें पहली विशेषता डिस्क डिफ्रेगमेंटर (Disk Defragmenter) है जो आपको फाइलों को पहचानने में मदद करती है और उन्हें क्रमबद्ध करती है और यह डिस्क की कार्यविधि को तेज करती है ।
■ डायग्नोसिस टूल्स (Diagnosis Tools) का इस्तेमाल करना सीखें जो आपके कंप्यूटर की परेशानी को समझने और दूर करने में आपकी सहायता करेंगे । डायग्नोसिस टूल्स कंपोनेंट को जांचने, मॉनिटर रिसोर्स (Memory और Processing Power) फाइल पर किए गए बदलावों को निष्क्रिय (Undo) करना आदि में आपकी काफी सहायता करते हैं ।
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